तेहरान: कट्टर इस्लामिक देख ईरान (Iran) परमाणु हथियार (nuclear bomb) को बनाने की दिशा में तेजी से जुटा हुआ है। ईरान ने संवर्धित यूरेनियम (uranium) के अपने भंडार को परमाणु हथियार बनाने के स्तर के बेहद करीब तक बढ़ा लिया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की परमाणु निगरानी संस्था की सोमवार को जारी गोपनीय रिपोर्ट में ये दावा किया गया है। ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब ईरान देश के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर लगाए लगाए आर्थिक प्रतिबंधों में ढील चाह रहा है। ईरान चाहता है कि परमाणु कार्यक्रम को धीमा करने के बदले में आर्थिक प्रतिबंधों को हटाया जाए। इसके साथ ही मध्य पूर्व में उसका इजरायल के साथ तनाव भी बढ़ा हुआ है।
रईसी की मौत का असर नहीं
ईरान का परमाणु कार्यक्रम दूसरे सभी प्रमुख मामलों की तरह सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के निर्देशन में चल रहा है। इसका मतलब है कि पिछले सप्ताह ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद भी इस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट इजरायल-हमास युद्ध के चलते मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच आई है। इजरायल और ईरान ने पिछले महीने पहली बार एक दूसरे के क्षेत्र पर सीधे हमले किए हैं।
क्या ईरान बना सकता है परमाणु हथियार?
आईएईए ने परमाणु हथियार को लेकर जो परिभाषा दी है उसके अनुसार, 60 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम लगभग 42 किलोग्राम मात्रा से एक परमाणु हथियार को बनाना सैद्धांतिक रूप से संभव है। इसके लिए यूरेनियम को 90 प्रतिशत तक संवर्धित करना होगा, जो बस एक छोटे तकनीकी कदम की दूरी है।
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ईरान ने हालांकि बार-बार यह कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्येश्यों के लिए है, लेकिन आईएईए प्रमुख राफेल मारियानो ग्रासी ने चेतावनी दी थी कि तेहरान के पास पर्याप्त यूरेनियम भंडार है। यह हथियार बनाने के स्तर के करीब है, जिससे ईरान कई परमाणु बम बना सकता है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम में तेजी 2018 के बाद से आई जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका को एकतरफा रूप से वापस ले लिया था। इसके बाद से ईरान ने परमाणु कार्यक्रम पर सभी सीमाओं को तोड़ दिया है और तेजी से संवर्धन को बढ़ा दिया है।
क्या था 2015 का समझौता?
2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और यूरोपीय शक्तियों ने ईरान के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में तेहरान ने यूरेनियम के संवर्धन को सीमित करने पर सहमति जताई थी। इसके तहत ईरान को केवल 3.67% की शुद्धता तक यूरेनियम को समृद्ध करने और लगभग 300 किलोग्राम का भंडार बनाए रखने की अनुमति थी।
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