नई दिल्ली: अडानी और टाटा ग्रुप की 3 दिग्गज कंपनियों को अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए पैसों की जरूरत है इसलिए ये कंपनियां फंड जुटाने की तैयारी कर रही हैं. इसके लिए ये कंपनियां अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही हैं. अडाणी एनर्जी सॉल्युशन ने 12,500 करोड़ के शेयरों को बेचने का प्लान बनाया है, जबकि फंड राइजिंग के मुद्दे पर विचार करने के लिए आज अडाणी एंटरप्राइजेज की भी अहम बैठक होने वाली है. उधर, टाटा स्टील भी नॉन-कन्वर्टिबल डेबेंचर्स के जरिए फंड जुटाने की तैयारी में है.
अडानी एनर्जी सॉल्युशन के बोर्ड ने सोमवार को क्यूआईपी समेत विभिन्न माध्यमों से 12,500 करोड़ के फंड को जुटाने की मंजूरी दे दी है. इस मुद्दे पर 25 जून को कंपनी की होने वाली एजीएम में शेयरधारकों से इसकी मंजूरी ली जाएगी. अडाणी एनर्जी में गौतम अडाणी और उनके परिवार की 73 फीसदी हिस्सेदारी है. इससे पहले कंपनी ने मई 2023 में 8500 करोड़ के फंड राइजिंग के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, लेकिन शेयरधारकों से इस संबंध में अनुमति नहीं मिलने से यह प्रपोजल आगे नहीं बढ़ सका.
शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां, अपने बिजनेस से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूंजी जुटाने की होड़ में रहती है. इसके लिए ज्यादातर कंपनीज क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) रूट को पसंद करती हैं. दरअसल यह मार्केट से फंड राइज करने का टूल है. इसके जरिए लिस्टेड कंपनियां नए इक्विटी शेयर, पूर्ण और आंशिक रूप से कनर्वटिबल डिबेंचर या इक्विटी शेयरों में परिवर्तन करके योग्य संस्थागत निवेशकों से पैसा जुटा सकती हैं. इन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स में पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, शेडयूल्ड कमर्शियल बैंक, म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियां आदि होते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved