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    देवी अहिल्या संस्था में एक और घोटाला, आरक्षित भूखंड की करवा दी रजिस्ट्री

  • May 27, 2024

    • विवादित अध्यक्ष पर फिर लगे आरोप, निगम के ही सहायक यंत्री हुए धोखाधड़ी का शिकार, पुलिस प्रशासन व सहकारिता को सौंपी शिकायत

    इंदौर। चर्चित संस्था देवी अहिल्या गृह निर्माण के विवादित अध्यक्ष विमल अजमेरा पर जहां कई भूखंड हासिल करने के आरोप हैं, तो अभी एक मामला भूखंड क्रमांक 9ए, श्री महालक्ष्मी नगर का सामने आया है और इस आरक्षित भूखंड की भी रजिस्ट्री कागजों में हेरा-फेरी कर करवा दी गई और अभी 06.04.2024 को व्यवस्थापन शुल्क की रसीद क्रमांक 475 भी जारी कर दी। इस मामले में भूखंड पीडि़त इंदौर निगम में सहायक यंत्री के रूप में पदस्थ हैं और उन्होंने पुलिस प्रशासन, सहकारिता सहित अन्य को मय प्रमाण अपनी शिकायतें सौंपी, जिसमें संस्था अध्यक्ष पर 10 लाख रुपए लेकर उक्त भूखंड घोटाला करने के आरोप भी लगाए।

    कल ही अग्रिबाण ने यह जानकारी भी दी कि संस्था अध्यक्ष विमल अजमेरा के खिलाफ गैर जमानती वारंट निकल गया और संयोगितागंज पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने संस्था कार्यालय पहुंच गई। मगर अन्य पदाधिकारियों ने समझा-बुझाकर पुलिस को रवाना किया और आज कोर्ट में चल रहे प्रकरण का जवाब पेश किया जा रहा है। दूसरी तरफ ताजा मामला संस्था की ही एक अन्य कॉलोनी श्री महालक्ष्मी नगर का सामने आया, जिसमें निगम के सहायक यंत्री आशुतोष शर्मा ने शिकायत की है कि भूखंड क्रमांक 9ए, उनके स्वर्गीय पिता राधाकिशन शर्मा को आबंटित किया गया था।

    वे देवी अहिल्या श्रमिक कामगार संस्था के वर्ष 87-88 से विधिवत सदस्य होकर उन्होंने सम्पूर्ण राशि भी जमा की और वर्ष 97-98 में संस्था ने ही उक्त भूखंड का कब्जा प्रदान किया गया, तबसे ही यह भूखंड उनके आधिपत्य और स्वामित्व में है। हालांकि उसकी रजिस्ट्री संस्था ने नहीं कराई थी। दूसरी तरफ उनके आधिपत्य वाले इस भूखंड की रजिस्ट्री हेरा-फेरी और जालसाजी के चलते अन्य व्यक्ति अंशुमन व अमित अमणापुरकर के नाम पर करा दी गई। इतना ही नहीं, संस्था अध्यक्ष श्री अजमेरा ने 45 हजार रुपए की रसीद व्यवस्थापन शुल्क जमा कराकर जारी भी कर दी। श्री शर्मा ने पुलिस, प्रशासन और सहकारिता विभाग को लिखे पत्रों में संस्था अध्यक्ष पर 10 लाख रुपए की राशि लेकर उक्त भूखंड किसी अन्य के नाम करने का आरोप भी लगाया और उनका कहना है कि जब इस बारे में अध्यक्ष से चर्चा की तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि मैंने कोई गलत काम नहीं किया है। जबकि इस भूखंड का न्यायालय में वाद चल रहा है और संस्था की ओर से भी वकील जवाब दे रहे हैं। बावजूद इसके व्यवस्थापन शुल्क की रसीद जारी कर दी गई। अभी उनके भूखंड पर तोडफ़ोड़ और बिजली का मीटर क्षतिग्रस्त करने की जानकारी भी सामने आई है।

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