इंदौर। चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही जून के शुरुआती दिनों में कई जगह सड़कों के काम बड़े पैमाने पर शुरू कराए जाने की तैयारी है। इसके लिए टेंडर की प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। इनमें लक्ष्मी मेमोरियल से अटल द्वार और बाणेश्वर कुंड से कुशवाह नगर होते हुए एमआर-5 की सड़़क भी 80 से 100 फीट चौड़ी बनाई जाना प्रस्तावित है। उक्त सड़क को उज्जैन सिंहस्थ के चलते भी बेहतर बनाने की योजना है, क्योंकि इस रूट पर सर्वाधिक ट्रैफिक का दबाव रहेगा। नगर निगम ने पूर्व में शहर के कई स्थानों की सड़कों के सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण के प्रस्ताव तैयार कराए थे। इन प्रस्तावों को एमआईसी की बैठक में मंजूरी तो मिल गई, लेकिन टेंडर और अन्य प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो पाई थीं। इनमें बाणगंगा क्षेत्र के कई लेफ्ट टर्न और चौराहों को संवारने से लेकर कई अन्य मार्गों के कार्य हैं।
जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक बाणेश्वर कुंड से कुशवाह नगर होते हुए एमआर-5 को जोड़ने वाली सड़क वर्तमान में कई जगह कब्जों और अतिक्रमणों से घिरी हुई है। इस सड़क को बड़े पैमाने पर बनाने और 80 से 100 फीट किए जाने का प्रस्ताव है। उज्जैन में सिंहस्थ के चलते इस सड़क पर ट्रैफिक का दबाव काफी रहेगा। इसी के चलते निगम सड़क को न केवल बेहतर बनाने की तैयारी में है, बल्कि वहां सौंदर्यीकरण के कार्य भी किए जाएंगे। इनमें ड्रेनेज, पानी की लाइनें, स्टार्म वाटर लाइनें और विद्युत लाइनों के साथ-साथ फुटपाथ संवारने के काम होना हंै। इसके अलावा कई दिनों से लंबित लक्ष्मी मेमोरियल हास्पिटल से लेकर अटल द्वार तक बनने वाली 80 फीट चौड़ी सड़क का काम भी शुरू कराया जाना है। यह सड़क बनने से वाहन चालकों को बीआरटीएस और इंडस्ट्री हाउस होकर जाने के बजाय सीधे इस मार्ग से एमआईजी चौराहा पहुंचने में आसानी रहेगी। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 और पांच में कई सर्विस रोड और मुख्य सड़कों के काम के थोकबंद वर्कआर्डर जारी किए जाएंगे।
सबसे ज्यादा बाधाएं नेहरू नगर रोड पर
अधिकारियों के मुताबिक लक्ष्मी मेमोरियल हास्पिटल से अटल द्वार तक बनने वाली 80 फीट चौड़ी सड़क के लिए शुरुआती दौर में जरूर बाधाएं कम हैं, लेकिन नेहरू नगर और उसके आसपास के हिस्सों में काफी बाधाएं हैं, जिनके कारण कई स्थानों पर सड़क बमुश्किल 20 से 25 फीट ही रह गई है। पूर्व में भी नगर निगम की टीमों ने वहां सड़क निर्माण के पहले क्षेत्र मे दौरा किया था, लेकिन अब बाधाएं चिह्नित करने का काम बारिश के बाद ही शुरू होगा।
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