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    Sexual harassment case: राज्‍यपाल आनंद बोस के OSD को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, फिलहाल जांच पर रोक

  • May 25, 2024

    नई दिल्‍ली(New Delhi) । यौन उत्पीड़न मामले(sexual harassment cases) में पश्चिम बंगाल(West Bengal) के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose)के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) को भी हाई कोर्ट (High Court)से बड़ी राहत मिल गई है। हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि ओएसडी ने जबरन उन्हें राजभवन में रोकने की कोशिश की। बता दें कि राजभवन की एक अनुबंधित कर्मचारी ने राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने राज्यपाल के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी थी।

    पुलिस के मुताबिक ओएसडी के साथ दो अन्य अधिकारियों का नाम एफआईआर में दर्ज किया गया था। उनपर आरोप था कि 2 मई को उन्होंने महिला को राजभवन छोड़ने से जबरन रोका। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस अमृता सिन्हा की सिंगल बेंच ने कहा, जांच अधिकारी के पास सीसीटीवी फुटेज पहले से ही मौजूद है। कहा गया है कि ओएसडी और अन्य अधिकारियों ने महिला को जबरन वापस राजभवन बुलाया और फिर उसका फोन भी ले लिया। किसी तरह वह कमरे से भाग निकली। फिलहाल अगर 17 जून तक अधिकारियों के खिलाफ जांच पर रोक लगाई जाती है तब भी इस मामले की जांच प्रभावित नहीं होगी।


    याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि महिला का कहना है कि जब कथित तौर पर उसके साथ छेड़छाड़ हुई तो वह गवर्नर के चैंबर में अकेले थी। ऐसे में अधिकारियों द्वारा उसे रोके जाने का कोई कारण नहीं बनता है। उन्हें तो इसकी जानकारी भी नहीं थी कि महिला और गवर्नर के बीच में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि महिला ने राजभवन से बाहर जाकर ही पुलिस केस दर्ज करवाया है।

    असत्य पर सत्य की विजय होती है: आनंद बोस

    वहीं ऐडवोकेट जनरल किशोर दत्ता राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि जांच आगे बढ़ाने की अनुमति मिलनी चाहिए। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि अब तक की गई जांच की रिपोर्ट 10 जून तक कोर्ट में जमा करे। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई की जाएगी। वहीं कोर्ट के फैसले के बाद राज्यपाल आनंद बोस ने अपने अधिकारियों को बधाई दी और कहा, असत्य पर सत्य की विजय होती है।

    2 मई को राज्यपाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई

    बता दें कि कोर्ट ने पहले राजभवन के अधिकारियों को जमानत दे दी थी। 2 मई को ही महिला कर्मचारी ने राज्यपाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने आरोप लगाया था कि 19 अप्रैल 2020 को राज्यपाल ने उन्हें ऑफिस रूम में बुलाया। उन्होंने गलत तरीके से छूने की कोशिश की। इसके बाद किसी तरह वह कमरे से भाग निकली। इसके बाद 2 मई को फिर से कॉन्फ्रेंस रूम में बुलाया गया। उन्होंने प्रमोशन का लालच देकर कॉम्प्रोमाइज करने को कहा। जब महिला ने इनकार कर दिया तो उन्होंने गलत तरीके से छुआ। इसके बाद महिला वहां से निकल गई।

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