ग्वालियर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चुनाव (Election) भले खत्म हो गए हों, पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति (Politics) अब भी जोरों पर है। अब पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह (Govind Singh) ने भाजपा सरकार (BJP Goverment) पर हमला बोला है। उन्होंने सरकार को कर्मचारी विरोधी और तानाशाह तक कहा है।
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स की आवाज उठाने वाले वर्षों पुराने विभिन्न संगठनों, रजिस्ट्रेशनों को समाप्त कर दिया है। संगठनों के रजिस्ट्रेशन समाप्त करने को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। विभिन्न संस्थानों के पंजीयन रद्द करने को लेकर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने मोहन सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने भाजपा सरकार को तानाशाह चेहरा बताया है।
गोविंद सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में 12 लाख कर्मचारी और पेन्शनर्स की आवाज उठाने वाले संगठनों का रजिस्ट्रेशन ख़त्म कर भाजपा सरकार ने अपना कर्मचारी विरोधी और तानाशाह चेहरा एक बार फिर उजागर कर दिया है। इनमें से कुछ संगठन 50 साल तो कुछ 30 साल से अधिक समय से पंजीकृत थे। संगठन का पंजीकरण रद्द करने का अर्थ है कि अब कर्मचारी और पेंशनर्स की ओर से ये संगठन सरकार से बात नहीं कर पाएंगे। यह सीधे-सीधे कर्मचारियों की आवाज को दबाना है। यह आलोकतांत्रिक और मानवाधिकारों का हनन है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि तत्काल इन संगठनों की मान्यता बहाल करें।
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