भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Capital Bhopal)में नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ (molesting a girl)के आरोपी एक युवक (accused a young man)को जबलपुर हाईकोर्ट(Jabalpur High Court) ने अनोखी सजा (unique punishment)सुनाई है। आरोपी को 2 महीने की जमानत देने के साथ ही कम्युनिटी सर्विस के निर्देश दिए हैं। जबलपुर हाईकोर्ट के जज आनंद पाठक ने युवक को हर हफ्ते शनिवार-रविवार को भोपाल जिला अस्पताल में जाकर मरीजों की सेवा करने और साफ-सफाई की व्यवस्था देखने की शर्त पर दो महीने की जमानत दी है।
दरअसल, भोपाल के पिपलानी पुलिस थाने में बीबीए छात्र के खिलाफ नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में धारा 345 और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोपी छात्र के माता-पिता की ओर से जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए कहा गया था कि उसकी पढ़ाई चल रही है और यदि बेटे को सजा हो जाएगी तो उसका करियर बर्बाद हो जाएगा।
लड़के के माता-पिता ने अपराध पर माफी भी मांगी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश आनंद पाठक ने पूरे मामले को सुना और अपने आदेश में कहा कि इस लड़के को एक बेहतर नागरिक बनने के लिए कम्युनिटी सर्विस करनी होगी। जस्टिस आनंद पाठक ने अस्थाई जमानत देते हुए कहा कि आरोपी लड़के को भोपाल के जिला अस्पताल में हर शनिवार और रविवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 तक मरीजों की सेवा करनी होगी।
रजिस्ट्रेशन के काम में उसे मरीजों का सहयोग करना होगा
आरोपी युवक को सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों की मदद करनी होगी। अस्पताल की साफ-सफाई व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद करनी होगी और रजिस्ट्रेशन के काम में उसे मरीजों का सहयोग करना होगा। हालांकि, आरोपी छात्र को ध्यान रखना होगा कि इस दौरान वो मरीज को दवाएं, इंजेक्शन आदि नहीं देगा और ना ही उसे प्राइवेट वार्ड में जाने की अनुमति होगी।
ताकि मुख्यधारा में आने का मिले अवसर
यह निर्देश आरोपी की उम्र और भविष्य को ध्यान में रखकर दिया गया है, जिससे उसे समाज की मुख्यधारा में आने का अवसर मिल सके। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ‘पूरी केस डायरी पढ़ने और प्रतिवादियों/स्टेट की तरफ से दाखिल जानकारी के बाद ऐसा लगता है कि आरोप बहुत खराब हैं।
जज ने कहा कि BBA के एक छात्र से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती, जो मैनेजेरियल कैडर में भविष्य बनाना चाहता है और जाहिर तौर पर एक अच्छे परिवार से आता है। साथ ही आवेदक छात्र है और ऐसे में उसे आचरण सुधारने का मौका दिया जाता है, ताकि वो किसी भी आपराधिक गतिविधियों और खासतौर से IPC की धारा 354(डी) और POCSO एक्ट की धारा 11 और 12 में शामिल ना होकर अच्छा नागरिक बन सके।’ इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
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