इंदौर। चुनाव के कारण थमे भिक्षावृत्ति रोको अभियान को एक बार फिर गति मिलेगी। इस बार भिक्षुकों के साथ-साथ भीख देने वालों पर भी प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी। सार्वजनिक चौराहों और मंदिरों के आसपास जहां भिक्षावृत्ति रोको अभियान के बैनर-पोस्टर लगाए जाएंगे, वहीं बच्चों को भीख देने वालों पर कार्रवाई के लिए कैम्पेन चलेगा। चुनाव के पहले लगभग 500 से अधिक भिक्षुकों को पुनर्वास देने और बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाने के लिए चलाई गई प्रशासन की मुहिम को और सफल बनाने के लिए अब प्रशासन ने भीख देने वालों पर भी कार्रवाई करने की योजना तैयार कर ली है। कलेक्टर आशीषसिंह के अनुसार एक बार फिर कैम्पेन चलाए जाने की तैयारी कर ली गई है। राजस्व अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों पर नजर रखने के साथ ही टीमों के गठन के निर्देश भी दिए गए हैं। बच्चों को भीख देने वालों को भी अब इस कैम्पेन में सजा की जद में लाया जा रहा है। कलेक्टर ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि भिक्षावृत्ति करने के साथ-साथ भीख देकर प्रोत्साहन देना भी कानूनन जुर्म है। खासकर बच्चों को भीख देने वाले भी सजा के पात्र हैं। इसलिए शुरुआती दौर में पहले मुहिम छेडक़र व्यस्ततम चौराहों, मंदिरों, सार्वजनिक स्थानों, पार्क, होटलों के बाहर पोस्टर लगाए जाएंगे, जिन पर नियम और कानून की जानकारी आम जनता के लिए चस्पा की जाएगी।
अग्निबाण राय
ज्यादा उदारता मत दिखाओ… ये बच्चे अपहृत किए भी हो सकते हैं
सडक़ पर ट्रैफिक के बीच भीख मांगते बच्चों को पैसे देकर उदारता बरतने वाले लोग शायद इस सच से वाकिफ नहीं हैं कि देशभर में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसके तहत बच्चा चोर गिरोह सक्रिय होकर गरीब बस्तियों से लेकर अस्पतालों तक से बच्चे चुराकर भिखारी गैंगों को बेच देता है और यही गैंग इन बच्चों से भीख मंगवाकर पैसे कमाती है। इन बच्चों को ज्यादा से ज्यादा भीख मिले इसके लिए इस गैंग के शैतान इतनी निर्ममता पर उतर आते हैं कि बच्चों के अंग भंग कर देते हैं। कई बच्चों की आंखें फोड़ दी जाती हैं। उन्हें सामान्य जीवन से दूर कर दिया जाता है। भीख मेें मिली खाने-पीने की वस्तुओं से जीवन गुजारते हैं और मिला हुआ सारा दान इन गैंगों के हवाले कर देते हैं। ऐसे बच्चों को पैसा देने वाले लोग पुण्य कमाने और उदारता दिखाने का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन हकीकत में अनजाने में वो उनकी निर्ममता में शामिल हो जाते हैं। इंदौर कलेक्टर द्वारा पहली बार शहर में भिखारियों के लिए नहीं, बल्कि उन गैंग के लोगों के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है, जो ऐसे बच्चों पर निर्ममता करते हैं।
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