इंदौर। महू (mhow) (डॉ. आंबेडकर नगर) का रेलवे यार्ड (railway yard) इंदौर (indore) से भी बड़ा (big) बनाया जा रहा है। इंदौर में तो रेलवे के पास चौड़ाई (Width) में न तो ज्यादा जमीन है, न ही आसपास की जमीन (land) लेने की ज्यादा गुंजाइश है। महू की स्थिति बिलकुल उलट है, क्योंकि वहां रेलवे के पास काफी जमीन है। महू इंदौर के लिए काफी मददगार साबित होने वाला है।
लंबे-चौड़े यार्ड से महू की क्षमता पहले से कई गुना बढ़ेगी, साथ ही नई ट्रेनें शुरू करने की संभावना बढ़ेगी। अभी इंदौर से कोई भी नई ट्रेन शुरू करना हो या किसी ट्रेन के फेरे बढ़ाना हो तो रतलाम रेल मंडल के पास यही बहाना होता है कि इंदौर में अब जगह नहीं है। यही वजह है कि इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर और महू रेलवे स्टेशनों के विकास की योजना रेलवे को बनाना पड़ी। जुलाई-24 से महू स्टेशन के प्लेटफॉर्म की क्षमता दोगुना हो जाएगी। वर्तमान में वहां बड़ी लाइन के दो प्लेटफॉर्म हैं, जो पुनर्विकास के बाद चार हो जाएंगे। इससे इंदौर से चलने वाली कई ट्रेनों को महू तक बढ़ाया जा सकेगा और वहां की तीन पिटलाइनों पर उनका मेंटेनेंस हो सकेगा।
दोहरीकरण होगा, तब यार्ड में नहीं करना पड़ेगा बदलाव
महू यार्ड रीमॉडलिंग का काम ऐसी प्लानिंग के साथ किया जा रहा है कि भविष्य में जब महू-खंडवा बड़ी लाइन को दोहरा करना होगा, तब पातालपानी एंड पर दोहरी लाइन के लिए ज्यादा बदलाव नहीं करना पड़ेंगे।
ये सुविधाएं भी रहेंगी महू में
– पूर्ण क्षमता वाले होंगे चारों प्लेटफॉर्म (स्टेशन में कुल छह लाइन)
– ट्रेनें खड़ी करने के लिए सात स्टेब्लिंग लाइन
– एक रेलवे बेलास्ट (गिट्टी) साइडिंग
– एक एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन साइडिंग
– प्लेटफॉर्म-चार की तरफ बनेगी स्टेशन बिल्डिंग
– एक एआरमी (मेडिकल ट्रेन) लाइन
– एक सैलून साइडिंग, एक टॉवर वेगन शेड
– दो इंजन लाइडिंग, एक आरजीएम साइडिंग
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