नई दिल्ली. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (south-west monsoon) भारत (india) की सीमा में प्रवेश करता हुआ 31 मई के आसपास केरल (kerala) की सीमा से टकरा सकता है लेकिन इससे पहले ही केरल और तमिलनाडु (tamil nadu) में अच्छी बारिश (rain) का सिलसिला शुरू हो गया है. तमिलनाडु के कई इलाकों में 20 मई को जमकर बारिश हुई और केरल के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट (alert) है, इस बारिश का असर इतना हो सकता है कि सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में आपातकालीन केंद्र खुलवा दिए हैं.
तमिलनाडु और केरल में बारिश ही बारिश
तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन गई, लोगों के घरों में बारिश का पानी घुस गया और सड़कों पर भी जलजमाव है, जिससो लोगों को आवाजाही में समस्या हो रही है. वहीं केरल में गांवों और कस्बों के निचले इलाकों में जलभराव और पेड़ों के उखड़ने की व्यापक घटनाएं सामने आई हैं.
अलर्ट पर अस्पताल
तेज बारिश से भूस्खलन और बीमारियों की आशंका के बीच आपातकालीन केंद्र और अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. केरल सरकार ने सोमवार को कहा कि सभी जिला कलेक्टरेट और इससे जुले कार्यालयों में आपातकालीन संचालन केंद्र खोले गए हैं क्योंकि भूस्खलन की संभावना है. अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है और महामारी फैलने जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आपूर्ति का स्टॉक रखा गया है.
राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि राज्य में आने वाले पर्यटकों को बारिश की स्थिति के बारे में सचेत करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं और संभावित भूस्खलन के खतरों के मद्देनजर पहाड़ी क्षेत्रों में सख्त नियमों की जरूरत पर जोर दिया गया है. उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश के कारण सड़क पर कीचड़ धंसने की भी संभावना है. यात्रियों को संभावित भूस्खलन के खतरे के बारे में चेतावनी देने के लिए ऐसे क्षेत्रों में सुरक्षा बोर्ड लगाए जाएंगे.
पहाड़ी इलाकों में रात की यात्रा पर प्रतिबंध संभव
राजन ने कहा कि जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि यदि आवश्यक हो तो पहाड़ी इलाकों में रात की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जाए. सभी जरूरी स्थितियों से निपटने के लिए 24×7 आपातकालीन संचालन केंद्र खोले गए हैं. इस बीच, भारी बारिश के कारण सोमवार को राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर जलभराव, पेड़ों के उखड़ने और बिजली के तारों के टूटने की खबरें आईं.
बंद किए पर्यटन केंद्र
भारी बारिश के कारण तटीय अलाप्पुझा में कुट्टनाड क्षेत्र के कई निचले इलाकों में पानी भर गया, जबकि पास के कोच्चि में जलभराव के कारण यातायात बाधित हो गया. भूस्खलन के संभावित खतरे के कारण त्रिशूर में वज़ाचल और अथिरापल्ली के प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र मंगलवार से बंद रहेंगे.
बिहार का मजदूर लापता, दो लोग घायल
पुलिस ने कहा कि बिहार का एक 25 वर्षीय प्रवासी श्रमिक पथानामथिट्टा जिले में मणिमाला नदी में लापता हो गया. यह घटना तब हुई जब वह दो अन्य प्रवासी श्रमिकों के साथ नदी में तैर रहे थे. नदी में पानी का स्तर बढ़ने के कारण नरेश लापता हो गया, लेकिन अन्य दो भाग निकले, अग्निशमन बल के कर्मियों ने उसे ढूंढने के लिए तलाशी कर रहे हैं. वहीं, इडुक्की जिले के नेदुमकंदम में तेज हवाओं के कारण एक उखड़ा हुआ पेड़ गिरने से दो लोग घायल हो गए.
आईएमडी ने आज भी अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए पथानामथिट्टा, कोट्टायम और इडुक्की जिलों को “रेड अलर्ट” पर जारी रखा है. पथानामथिट्टा को 22 मई को भी रेड अलर्ट पर रखा गया है. रेड अलर्ट 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक की भारी से अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट का मतलब 11 सेमी से 20 सेमी की बहुत भारी बारिश है, और येलो अलर्ट का मतलब 6 सेमी और 11 सेमी के बीच भारी बारिश है.
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