ओटावा: कनाडा (canada) की दुनिया जितनी चमकदार और खुशहाल (bright and happy) दिखती है, उतनी है नहीं। कनाडा से एक हैरान करने वाली रिपोर्ट (Report) सामने आई है। इसके मुताबिक कनाडा के कई राज्यों में हाल के वर्षों में लावारिस शवों (unclaimed dead bodies) की संख्या बढ़ती जा रही है। परिजन अपनों के शवों को लेने से मना कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण अंतिम संस्कार (funeral) में आने वाले खर्चों में बढ़ोतरी को माना जा रहा है। शवों को न लेने का ट्रेंड इतना ज्यादा बढ़ गया है कि एक प्रांत को नई स्टोरेज फैसिलिटी बनाना पड़ गया। अंतिम संस्कार के लिए पैसा इकट्ठा करने का भी ट्रेंड देखा जा रहा है।
क्या करते हैं शवों के साथ
साल 2022 में कुल लावारिस शवों में से 20 फीसदी को न लेने का कारण वित्त था, जो 2023 में 24 फीसदी हो गया। ह्यूयर ने कहा, ‘यह दुखद है क्योंकि जो व्यक्ति मर चुका है, उसके लिए उसके परिवार का कोई भी सदस्य या दोस्त नहीं खड़ा है।’ आधिकारिक तौर पर 24 घंटे बाद शव को लावारिस मान लिया जाता है। उन्होंने बताया लेकिन परिवार के सदस्यों का पता लगाने में कई सप्ताह लग सकते हैं। अगर रिश्तेदार सूचना मिलने के बाद भी शवों पर दावा नहीं करते तो स्थानीय नगर पालिका साधारण तरीके से उन्हें दफनाने के लिए कुछ संस्थाओं के साथ काम करती है।
जब तक शवों को कोई नहीं लेता तब तक उसे तापमान नियंत्रित स्टोरेज फैसिलिटी में रखा जाता है। टोरंटो में फ्यूनरल होम मैकिनॉन और बोवेस चलाने वाले मालिक एलन कोल ने कहा, ‘हमेशा ऐसे परिवार रहे हैं, जिन्हें मदद की जरूरत होती है। लेकिन मैंने अभी की तरह लावारिस शवों की संख्या में वृद्धि नहीं देखी।’ क्यूबेक में लावारिस शवों की संख्या 2013 में 66 थी जो 2023 में बढ़कर 183 हो गई। अलबर्टा में लावारिस शवों की संख्या 2016 में 80 से बढ़कर 2023 में 200 हो गई।
ये भी है कारण
न्यूफाउंडलैंड के विपक्षी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जिम डिन के मुताबिक लोगों को अहसास है कि वे दफनाने का खर्च नहीं उठा सकते। इसके अलावा रिपोर्ट्स कहती हैं कि लोकेशन के हिसाब से महंगी जमीनें भी लोगों के लिए शवों को दफनाने में मुश्किल पैदा करती हैं। ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में माउंट प्लेजेंट ग्रुप के साथ वयस्क कब्र की औसतन कीमत 2800 डॉलर है। लेकिन मिडटाउन टोरंटो में यह 34000 डॉलर (32 लाख रुपए) हो जाती है। इसके अतिरिक्त कब्र खोदना, फ्यूनरल, कब्र का पत्थर और अन्य वस्तुएं अंतिम संस्कार को और भी खर्चीला बना देती हैं। सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं मिलती है।
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