अशोक नगर: मध्य प्रदेश के अशोक नगर (Ashok Nagar) जिले के महिला थाने (Women Police Station) में बेसहारा कुतिया और उसके बच्चे दिखने से नाराज पुलिस अधीक्षक (SP) ने एक कार्यकारी उप निरीक्षक समेत पांच पुलिसकर्मियों को कथित लापरवाही (Alleged Negligence) के लिए दो दिन पहले परिनिंदा (condemnation) की सजा का आदेश दिया.इसके साथ ही उनसे कहा कि थाना परिसर में कुत्ते और अन्य जानवर दोबारा प्रवेश न करें. हालांकि, एक पशु प्रेमी संगठन की आपत्ति के बाद पुलिस कप्तान को 48 घंटे के भीतर अपना आदेश निरस्त करना पड़ा.
पुल फॉर एनिमल्स संगठन की इंदौर इकाई की अध्यक्ष प्रियांशु जैन ने बताया कि अशोक नगर के महिला थाने में बेसहारा कुतिया और उसके बच्चे दिखने से पुलिस अधीक्षक नाराज हो गए. इसके बाद उन्होंने 15 मई (बुधवार) को आदेश दिया कि कार्यकारी उप निरीक्षक और चार अन्य पुलिसकर्मियों को अनुचित काम किए जाने पर विभागीय निंदा की सजा दी. उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक ने अपने आदेश में यह भी कहा कि भविष्य में महिला थाना परिसर और इसके कमरों में कुत्ते और अन्य जानवर प्रवेश न करें.
प्रियांशु जैन ने कहा कि कुतिया और उसके बच्चे अशोक नगर के महिला थाना परिसर में अक्सर पाए जाते हैं. ऐसे में पुलिस अधीक्षक के आदेश की जानकारी मिलते ही उन्होंने उन्हें पत्र लिखा कि कुत्ते-बिल्लियों जैसे बेसहारा जानवरों के रहने की जगह बदलना या उन्हें उनके रहने के स्थान से भगाना कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है. उन्होंने बताया कि अशोकनगर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने हमें सूचित किया है कि संबंधित आदेश शुक्रवार को निरस्त कर दिया गया.
हालांकि, हम पता कर रहे हैं कि कुतिया और उसके बच्चों को महिला थाने से कहीं भगा तो नहीं दिया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने यह आदेश रद्द किए जाने की पुष्टि की. अधिकारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के इस आदेश में महिला थाने में आने वाले आम नागरिकों को कुत्ते के काटने की स्थिति में उन्हें रैबीज वायरस से संक्रमित होने के खतरे का भी उल्लेख किया गया था.
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