उज्जैन। 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ देशभर में आचार संहिता लागू हो गई। सात चरणों में ये चुनाव 1 जून तक सम्पन्न होंगे और फिर 4 जून को एक साथ चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। उज्जैन सहित मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मगर आचार संहिता 5 जून तक लागू रहेगी, जिसमें नए टेंडर, कार्य, तबादले, जनसुनवाई सहित अन्य प्रक्रियाएं तो तब तक रूकी रहेंगी, मगर अन्य विभागीय कामकाज और चल रहे प्रोजेक्टों के अलावा अन्य आवश्यक मंजूरियां भी आयोग फटाफट दे देगा।
अभी 13 मई को उज्जैन में भी मतदान की प्रक्रिया सम्पन्न हुई है। इस बार चुनाव मैदान में भाजपा उम्मीदवार और कांग्रेस उम्मीदवार के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। वेसे इनके अलावा 7 अन्य प्रत्याशी भी मैदान में है। भाजपा उम्मीदवार दावा कर रहे हैं कि इस बार उनकी रिकॉर्ड जीत होगी। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। दूसरी तरफ चुनावी आचार संहिता को लेकर सभी को यह जानकारी है कि वह मतदान के साथ समाप्त हो गई। जबकि ऐसा नहीं है। जब तक पूरी चुनावी प्रक्रियामतगणना के साथ समाप्त नहीं होती, तब तक आयोग की आचार संहिता लागू रहेगी। मतगणना चूंकि 4 जून को है, लिहाजा 5 जून तक तो यह आचार संहिता रहेगी। मगर चूंकि उज्जैन सहित प्रदेशभर में मतदान की प्रक्रिया हो चुकी है और मतदाताओं को लुभाने सहित अन्य कार्य मतदान तक ही प्रभावित माने जाते हैं और उनका मतगणना पर कोई असर नहीं होना है। इसलिए विभागीय कामकाज बुधवार से शुरू हो चुकें है। इसके एक दिन पहले प्रशासनिक मशीनरी ने मतदान की थकान मिटाई, क्योंकि इंजीनियरिंग कॉलेज में ही रात को 3-4 बजे तक स्ट्रॉन्ग रूम सील करने सहित अन्य काम चलता रहा। दूसरी तरफ प्रशासन, पुलिस, निगम, प्राधिकरण सहित अन्य विभागों में रोजमर्रा के कामकाज शुरू भी हो गए हैं और जो कार्य जरूरी हैं उनकी मंजूरी भी आयोग से ली जा रही है, जो तुरंत मिल भी जाती है। राज्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन इस बारे में स्पष्ट कर भी चुके हैं। कल कलेक्टर नीरज कुमार सिंह नगर निगम अधिकारियों के साथ शहर के नाले निरीक्षण करने निकले थे। इस दौरान उन्होंने 15 दिन में बारिश से पहले शहर के सभी नाले साफ करने के निर्देश दिए थे।
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