नई दिल्ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)के सातवें और आखिरी चरण (last step)में बिहार(Bihar) की जिन आठ सीटों पर चुनाव (election on seats)होने वाला है, उनमें कई दिग्गजों(many giants) की प्रतिष्ठा दांव (prestige stakes)पर है। सातवें चरण में पाटलिपुत्र, पटना साहिब, काराकाट, बक्सर, आरा, नालंदा, सासाराम (सु.) और जहानाबाद में एक जून को मतदान है। मंगलवार को नामांकन की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद चुनावी लड़ाई की तस्वीर करीब-करीब साफ हो गई है। इस चरण में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह समेत तीन पूर्व मंत्री मैदान में हैं। इनमें उपेंद्र कुशवाहा, रविशंकर प्रसाद और रामकृपाल यादव शामिल हैं। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती भी पाटलिपुत्र सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रही हैं। इन वजहों से बिहार में सातवें चरण के चुनाव पर पूरे देश की नजर है।
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार आरके सिंह तीसरी बार आरा से मैदान में हैं। पिछले दो लोकसभा चुनाव वह यहां से जीते हैं। इस बार उनकी लड़ाई भाकपा माले के सुदामा प्रसाद से है। 2019 में उन्होंने भाकपा माले के उम्मीदवार राजू यादव को 1.47 लाख वोटों से हराया था। इस बार आरके सिंह के सामने जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है।
वहीं, पटना साहिब में पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद लगातार दूसरी बार मैदान में हैं। पिछली बार उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार शुत्रघ्न सिन्हा को हराया था। इस बार उनका सामना पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र कांग्रेस उम्मीदवार अंशुल अविजित से है। पाटलिपुत्र सीट पर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव भी हैट्रिक बनाने की आस लिए उतरे हैं। उनका सामना पिछले दो बार की तरह लालू यादव की बड़ी बेटी डॉ. मीसा भारती से है। इस सीट पर 2014 और 2019 के चुनाव में मीसा भारती को रामकृपाल ने हराया था।
काराकाट में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और भाकपा माले के राजाराम सिंह कुशवाहा मैदान में हैं। यहां पर भोजपुरी गायक एवं अभिनेता पवन सिंह ने निर्दलीय मैदान में उतर कर लड़ाई को त्रिकोणीय और कांटे का बना दिया है। चुनाव के पहले ही इस सीट की लड़ाई सुर्खियों में है। 2019 में इस सीट से जेडीयू के महाबली सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को हराया था। तब, उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन का हिस्सा थे। इस बार यह सीट एनडीए के तहत राष्ट्रीय लोक मोर्चा को गई है।
सासाराम और बक्सर में नए चेहरे
बक्सर से बीजेपी के मिथिलेश तिवारी और आरजेडी के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के बीच लड़ाई है। पिछले दो चुनाव यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जीते थे। इस बार बीजेपी ने उनकी जगह मिथिलेश तिवारी को मैदान में उतारा है। सासाराम में बीजेपी के शिवेश राम की लड़ाई कांग्रेस के मनोज कुमार से है। 2014 और 2019 में इस सीट पर बीजेपी के छेदी पासवान ने जीत दर्ज की थी। पर, इस बार बीजेपी ने उम्मीदवार बदल दिया है। मौजूदा सांसद छेदी पासवान बेटिकट हो गए हैं।
जहानाबाद में पुराने पहलवानों में भिड़ंत
नालंदा से मौजूदा सांसद जेडीयू के कौशलेंद्र कुमार तीसरी बार मैदान में हैं। उनकी लड़ाई सीपीआई माले के उम्मीदवार संदीप सौरभ से है। वहीं, जहानाबाद में दूसरी बार जेडीयू के मौजूदा सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी और आरजेडी के सुरेंद्र यादव से है। पिछली बार चंद्रवंशी ने 1700 मतों के अंतर से सुरेंद्र यादव को हराया था। पूर्व सांसद अरुण कुमार भी बसपा के टिकट पर उतरे हैं।
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