डेस्क: भारत की रहने वाली गुजरात मूल की एक महिला ने इजरायल में घुसने के लिए पूरे 6 लाख की डील कर डाली. इसके लिए उसने अपना शहर छोड़ दिया और दूसरे शहर में जाकर बस गई. दूसरे पते से कागज तैयार कराया और अप्रैल महीने में तेल अवीव के लिए उड़ान भरी. इस पूरे करामात में एक और सदस्य का नाम भी सामने आ रहा है. इस महिला को इजरायल में बीजा के मुताबिक अधिक समय तक रहने की वजह से प्रतिबंधित किया गया था.
हाल के दिनों में इजरायल से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंची AI-140 विमान से इस महिला को भारत लाया गया. महिला पर आरोप है कि ब्लैक लिस्ट करने के बावजूद उसने तेल अवीव में घुसने का प्रयास किया. दिल्ली एयरपोर्ट पर संदिग्ध महिला को एयरलाइंस सिक्योरिटी ने इमीग्रेशन ब्यूरो को सुपुर्द कर दिया. जांच के दौरान इमीग्रेशन ब्यूरो के अधिकारियों ने पाया कि पासपोर्ट पर महिला का नाम अंजू छेत्री और पता जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल का है. वहीं महिला की बोलने की शैली गुजरात से मेल खा रही थी. संदेह होने पर महिला के बैग की तलाशी ली गई, जिसमें उसके वास्तिविक कागजात पाए गए.
दिल्ली एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि महिला के पास से मिले दो आधार कार्ड में सिर्फ फोटो की समानता थी बाकी जन्म तिथि, नाम, पता आदि सब अलग था. शुरुआती पूछताछ के बाद महिला को एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं में महिला के उपर केस दर्ज कर दिया. डीसीपी ने बताया कि कड़ाई से पूछताछ करने पर महिला ने अपना असली नाम हेतलबेन बताया है. यह मूल रूप से गुजरात के आणंद की रहने वाली है.
हेतलबेन को अस्वीकार्य यात्री के तौर पर इजरायल के तेल अवीव शहर से भारत डिपोर्ट किया गया था. पूछताछ में हेतलबेन ने कबूल किया कि इजरायल ने उसे प्रतिबंधित किया था, जिसकी वजह से उसने नकली दस्तावेज बनवाए. नकली दस्तावेज तैयार करने के मामले में रमेश शर्मा नाम के एजेंट का नाम सामने आया है. दोनों के बीच 6 लाख पर डील तय होने के बाद रमेश महिला को लेकर पश्चिम बंगाल के बागडोगरा शहर चला गया था. इसी जगह पर रहकर महिला के पूरे कागजात बदल दिए गए. पूरी तैयारी के बाद 31 अप्रैल 2024 को हेतल नई पहचान के साथ इजरायल रवाना हुई थी.
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