इन्दौर। शहर में कुछ सालों से ऐसे थाने, जहां बस्ती और कॉलोनियां अधिक हैं, वहां अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं ऐसे थाने, जहां व्यापारिक क्षेत्र है, वहां अपराध घट रहे हैं। आठ थाने ऐसे हैं, जो शहर में अपराध का ग्राफ बढ़ा रहे हैं। शहर में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद देहात क्षेत्र के थाने अलग हो गए हैं। शहर में 32 थाने हैं। इन पर नजर डालें तो एक बात सामने आ रही है। इनमें से आठ थाने हैं, जहां बस्तियां और रहवासी क्षेत्र हैं, वहां अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं आठ थाने ऐसे हैं, जहां व्यापारिक क्षेत्र अधिक हैं, यहां अपराध कम हो रहे हैं। सबसे अधिक अपराध वाले दो थाने बाणगंगा और लसूडिय़ा इन आठ थानों में शामिल हैं, जबकि कम अपराध वाले थानों में सबसे कम अपराध सराफा थाने में हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि व्यापारिक क्षेत्र में लोग कम रहते हैं, इस कारण यहां घटनाएं कम होती हैं, जबकि बस्ती और कॉलोनियों में लोग अब ज्यादा रहते हैं, इसलिए यहां अपराध बढ़ रहे हैं। इस पर नियंत्रण के लिए इनको तोडक़र नए थाने बनाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है, लेकिन वह अब तक कागजों में ही है।
ज्यादा अपराध वाले थाने
बाणगंगा थाना अपराध में नंबर वन है। यहां चार माह में 665 केस दर्ज हुए हैं। नंबर दो लसूडिय़ा है, जहां 556 अपराध दर्ज हुए हैं। भंवरकुआं में 515, चंदन नगर में 470, खजराना में 425, विजय नगर में 340, राजेंद्र नगर में 398 और एरोड्रम में 390 केस अब तक दर्ज हुए हंै। शहर में सबसे अधिक अपराध इन थानों में ही दर्ज हो रहे हैं।
कम अपराध वाले थाने
सराफा थाना सबसे कम अपराध के लिए कई सालों से जाना जाता है। यहां इस साल अब तक 44 केस दर्ज हुए हैं। छोटी ग्वालटोली में 94, कोतवाली में 65, एमजी रोड में 163, मल्हारगंज में 165, छत्रीपुरा में 98, सदर बाजार में 142 और जूनी इंदौर में 187 केस दर्ज हुए हैं।
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