नई दिल्ली (New Delhi) । दिल्ली की एक अदालत (court) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के भाषण के फर्जी वीडियो के मामले (fake video case) में गिरफ्तार कांग्रेस सदस्य (congress member) को जमानत दे दी। कोर्ट ने सोमवार को यह कहते हुए जमानत दी कि उसने जांच में सहयोग किया है और उससे आगे हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है। अरुण रेड्डी को 3 मई को गिरफ्तार किया गया था और वह एक्स पर स्पिरिट ऑफ कांग्रेस अकाउंट संभालते हैं। चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट नबीला वली ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मुख्य आरोप जिसके आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया था, यह था वह उस व्हाट्सऐप ग्रुप का एडमिन था, जिस पर फर्जी वीडियो पहली बार प्रसारित करने के लिए पोस्ट किया गया था।
जस्टिस ने कहा कि आरोपी पर उक्त वीडियो को किसी भी मंच पर पोस्ट करने का कोई आरोप नहीं है। उन्होंने कहा कि आरोपी तीन मई से हिरासत में है और जांच एजेंसी पहले ही उसकी पुलिस हिरासत ले चुकी है। उन्होंने कहा, ‘जांच अधिकारी के जवाब के अनुसार आरोपी ने जांच एजेंसी के साथ सहयोग किया है और अपने सहयोगियों/अन्य के नाम का खुलासा किया है। साथ ही, यह एक स्वीकृत स्थिति है कि आगे कोई पुलिस हिरासत की आवश्यकता नहीं होगी।’ अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में अन्य संदिग्धों को तेलंगाना उच्च न्यायालय की ओर से दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की गई है।
‘आरोपी से आगे हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं’
न्यायाधीश ने कहा, ‘अदालत की राय में आरोपी से आगे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, यह ऐसा मामला नहीं है कि जांच एजेंसी को अन्य संदिग्धों के ठिकाने की जानकारी नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘यह भी प्रस्तुत किया गया है कि आरोपी से कोई और जब्ती नहीं की जानी है और आरोपी का मोबाइल फोन पहले ही जब्त कर लिया गया है। आरोपी का इतिहास साफ सुथरा है। ऐसे में आरोपी अरुण कुमार रेड्डी को जमानत दी जाती है।’ जस्टिस ने आरोपी को आईओ की ओर से आवश्यक होने पर जांच में शामिल होने और आईओ को अपना मोबाइल फोन नंबर देने का निर्देश दिया, जिसे हर समय चालू रखा जाएगा ताकि उससे संपर्क किया जा सके।
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