भोपाल (Bhopal)। खगोल विज्ञान (astronomy) में रुचि रखने वालों के लिए शनिवार की शाम बेहद रोचक रही। इस दौरान शाम के समय पश्चिमी आकाश (western sky) में चांद (Moon) का अद्भुद खगोलीय नज़ारा (Amazing astronomical view) दिखाई दिया। इस दौरान चंद्रमा का हंसियाकार भाग (Moon sickle-shaped part.) तो तेज चमक रहा था, लेकिन हल्की चमक के साथ पूरा गोलाकार चंद्रमा भी दिखाई दे रहा था।
इस खगोलीय घटना के बारे में नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि इसे अर्थशाईन कहा जाता है। इस घटना में चंद्रमा का अप्रकाशित भाग भी दिखाई दिया जिससे पूरे चांद के गोलाकार दिखने का आभास हो रहा था। इस घटना के समय सूरज की रोशनी, पृथ्वी की सतह से परावर्तित हो रही थी और चंद्रमा के अंधेरे वाले भाग को रोशन कर रही थी। यह नज़ारा लगभग रात 10 बजे तक दिखाई दिया।
उन्होंने बताया कि सारिका घारू ने बताया कि इसे अर्थशाईन कहा जाता है । इस घटना में चंद्रमा का अप्रकाशित भाग दिखाई देता है। इसे दा विंची चमक के नाम से भी जाना जाता है। लियोनार्डो द विंची ने पहली बार स्केच के साथ 1510 के आसपास अर्थशाईन की अवधारणा को रखा था।
सारिका ने बताया कि चंद्रमा अपने तक पहुंचने वाले सूर्य के प्रकाश का लगभग 12 प्रतिशत परावर्तित करता है। दूसरी ओर, पृथ्वी अपनी सतह पर आने वाले सभी सूर्य के प्रकाश का लगभग 30 फीसदी परावर्तित करती है। पृथ्वी का जब यह परावर्तित प्रकाश चंद्रमा पर पहुंचता है तो चंद्रमा की सतह के अंधेरे वाले भाग को भी रोशन कर देता है। उन्होंने बताया कि बताया कि विदेशों में इस खगोलीय घटना को अशेन ग्लो या नये चंद्रमा की बांहों में पुराना चंद्रमा भी नाम दिया गया है।
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