नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को उदयनिधि स्टालिन की याचिका पर (On Udhayanidhi Stalin’s Petition) विभिन्न राज्य सरकारों को (To various State Governments) नोटिस जारी किया (Issued Notice) । याचिका में तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने ‘सनातन धर्म’ पर अपने बयानों को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर और शिकायतों को एक साथ जोड़ने की मांग की गई है।
याचिका पर विचार करने पर सहमति जताते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में राज्य सरकारों से जवाब मांगा। पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल हैं। याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, बैंगलोर के समक्ष पेश एक शिकायत को छोड़कर, अन्य सभी एफआईआर/शिकायतें भाजपा शासित महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में लंबित हैं। याचिका में दलील दी गई कि द्रमुक नेता को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और उन्हें विभिन्न राज्यों के पुलिस स्टेशनों और अदालतों में पेश होने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स के एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के उन्मूलन की बात कहते हुए कहा था कि यह सामाजिक न्याय के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा।
तमिलनाडु के खेल और युवा मामलों के मंत्री ने कहा था, सनातन धर्म का विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा। उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा था कि, “मैं इसे लगातार कहूंगा।” इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने स्टालिन जूनियर के विवादास्पद बयानों पर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
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