नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति (excise policy) में कथित शराब घोटाले (liquor scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को शुक्रवार (10 मई) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अंतरिम जमानत मिल गई. जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि आप संयोजक को 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा. हालांकि कोर्ट ने उनके सामने कुछ शर्ते रखी हैं.
इन शर्तों के आधार पर मिली जमानत
- सुप्रीम कोर्ट के लिखित आदेश में जो शर्तें लिखीं हैं उनके मुताबिक, अरविंद केजरीवाल को जेल अधीक्षक की संतुष्टि के लिए 50,000 रुपये की राशि के जमानत बांड और इतनी ही राशि की एक जमानत राशि देनी होगी.
- वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे. इसके साथ ही वह अपनी ओर से दिए गए बयान से बाध्य होंगे.
- वह आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, बहुत जरूरी फाइल होगी तो इस पर साइन करने के लिए एलजी से परमिशन लेनी होगी.
- वह वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे.
- मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उसकी पहुंच नहीं होगी.