इंदौर। नगर निगम ने पानी बांटने के लिए शहरभर में 350 से ज्यादा टैंकर दौड़ाए हैं और इन सभी में जीपीएस लगाए गए थे, लेकिन 90 से ज्यादा टैंकर ऐसे दौड़ रहे हैं, जिनमें जीपीएस चालकों ने निकाल दिए। अब ऐसे टैंकरों की जीपीएस मॉनीटरिंग रिपोर्ट नहीं आने के चलते जांच-पड़ताल शुरू की गई है। शहर के कई इलाकों में अभी भी जलसंकट की गंभीर स्थिति है और इनमें खासकर एयरपोर्ट से लेकर हवा बंगला, बंगाली, नया आरटीओ, भूरी टेकरी सहित दर्जनों नई कालोनियां और क्षेत्र हैं, जहां पानी को लेकर किल्लत मची है।
ऐसे क्षेत्रों के लिए निगम ने अपने खुद के और किराए के 350 टैंकर दौड़ाए हैं, ताकि जलसंकट वाले क्षेत्रों में पानी बांटा जा सके। शुरुआती दौर में ही झोनलों पर तैनात नर्मदा प्रोजेक्ट के सबइंजीनियरों को निर्देश दिए गए थे कि टैंकरों में आवश्यक रूप से जीपीएस लगवाएं और उसके बाद ही पानी बांटने की कार्रवाई शुरू कराई जाए। शुरुआती दौर में सभी टैंकरों में जीपीएस लगे थे और बीते कुछ दिनों से 90 से ज्यादा टैंकरों की जीपीएस मॉनीटरिंग रिपोर्ट नहीं आ रही है। शिकायतें यह भी हुई हैं कि टैंकर चालकों ने जीपीएस निकालकर पटक दिए हैं, जिसके कारण वे मनमाने स्थान पर पानी बांटने अथवा बेचने का काम कर रहे हैं। नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव के मुतबिक 90 टैंकरों की रिपोर्ट नहीं आने के चलते संबंधित विभागों और अधिकारियों से कारण पूछा गया है और साथ ही झोनलों पर तैनात नर्मदा प्रोजेक्ट के सबइंजीनियरों से भी पड़ताल कराई जा रही है, ताकि सारी स्थिति सामने आ सके। वहीं वर्कशॉप विभाग से टैंकरों के मामले में तमाम जानकारी मांगी गई है।
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