नई दिल्ली (New Delhi)। दोनों देशों के बीच सीधे संबंध है । बीते कुछ दिनों से देानों के बीच तनाव (Tension)बढ़ा है । मालदीव (maldives) भारत के खिलाफ टिप्पणी (Comment)कर अपने आप को असहज महसूस(feel uncomfortable) कर रहा है । इसका नतीजा मालदीव की जनता को भुगतना पड़ रहा है । भारत ने गुरुवार को मालदीव को याद दिलाया कि कैसे उसके देश के विकास में सहायता प्रदान करता रहा है। भारत की योजनाओं से कैसे मालदीव के लोगों के जीवन को लाभ हुआ है। भारत ने उनके जीवन की गुणवत्ता में सीधे योगदान दिया है। इनमें बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और सामाजिक पहल से लेकर चिकित्सा व स्वास्थ्य सुविधाएं तक शामिल हैं।
ये बातें खुद भारत के विदेश मंत्री विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष मूसा जमीर को गुरुवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में याद दिलाई। कहा कि भारत ने मालदीव को पहले भी अनुकूल शर्तों पर वित्तीय सहायता दी है। बैठक में दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार, विकास में साझेदारी व क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण संबंधी पहल को लेकर चर्चा की।
इस मौके पर जयशंकर ने कहा कि भारत कई मौकों पर मालदीव के लिए पहली प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है। उन्होंने कहा, ”करीबी एवं निकटतम पड़ोसियों के रूप में भारत-मालदीव संबंधों का विकास आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है। जहां तक भारत का सवाल है, यह हमारा पड़ोस प्रथम नीति और सागर दृष्टिकोण के संदर्भ में व्यक्त किए गए थे।”
बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि जहां तक विशिष्ट मुद्दों का संबंध है, आप जानते हैं कि दोनों पक्ष भारतीय विमानन प्लेटफार्म के निरंतर संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर कार्य कर रहे हैं। यह मालदीव के लोगों को मेडवैक सेवाएं प्रदान करते हैं। इसके लिए भारतीय तकनीकी कर्मियों की नियुक्ति वहां की गई है। जयशंकर ने कहा कि यह बैठक भविष्य की दिशा तय करने का अवसर भी प्रदान करेगी।
मोदी पर मंत्रियों की टिप्पणी सरकार का रुख नहीं : मालदीव
मूसा जमीर ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपने कुछ मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों से अपनी सरकार को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का रुख नहीं था और यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई की गई है कि इसकी पुनरावृत्ति न हो। एक समाचार एजेंसी से जमीर ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। एक गलतफहमी हुई है, मुख्य रूप से सोशल मीडिया की वजह से। लेकिन भारत व मालदीव सरकार अब आगे बढ़ चुकी है।
मालूम हो कुछ दिन पहले पीएम मोदी पर मालदीव के तीन मंत्रियों की टिप्पणी को लेकर दोनों देशों में विवाद छिड़ गया था। इसके बाद से माले को भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय पर्यटन वहां की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान करता है।
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