नई दिल्ली. गरीबी, भुखमरी, महंगाई और बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) का बड़बोलापन नहीं जा रहा है. एक तरफ को देश का खाना-खर्चा चलाने के लिए दुनियाभर (Whole world) में कर्ज मांग रहा है और दूसरी ओर भारत (India) को पीछे छोड़ने की बात करता है. हालिया बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) का है. उन्होंने कहा है कि टैक्स (Tax) वसूली में पाकिस्तान भारत से भी आगे निकल सकता है, बशर्ते कि सरकार को एक चीज का साथ मिले. उनका यह बयान भारत के अप्रैल महीने में रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन ( GST collection) को देखकर आया है.
हाल में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 24वीं बार 1 अरब डॉलर का कर्ज मिला है. इस बीच भारत ने अप्रैल महीने में पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा पेश किया. इस आंकड़े को देख पाक पीएम ने भी कह दिया कि भारत हमसे बहुत आगे है. लेकिन, पाकिस्तान के लोग ईमानदारी से कड़ी मेहनत करें तो हम भारतीय अर्थव्यवस्था को भी पीछे छोड़ सकते हैं. हालांकि, पाक पीएम का यह बयान पूरी तरह बचकाना लगता है, क्योंकि पाकिस्तान की जीडीपी भारत के मुकाबले कहीं दिखाई नहीं देती है.
बढ़ती जा रही पाकिस्तान में टैक्स चोरी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि हमारे देश में लोग ईमानदारी से टैक्स भरें तो हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हो सकती है. हमारे देश में टैक्स चोरी बढ़ती ही जा रही है. एक तरफ तो देश नकदी संकट से जूझ रहा और दूसरी ओर टैक्स चोरी की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. साल 2022-23 में पाकिस्तान में 20 अरब डॉलर (करीब 1.64 लाख करोड़ रुपये) की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है. यह पाकिस्तान की कुल जीडीपी का करीब 6.9 फीसदी है.
भ्रष्टाचार से हो रहा नुकसान
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि उनके देश में भ्रष्टाचार चरम पर है. इसकी वजह से सरकारी खजाने को तीन गुना नुकसान हो रहा है. पाक पीएम ने फेडरल ब्यूरो ऑफ रेवेन्यू के एक कार्यक्रम में कहा, हमारे देश में 9.4 लाख करोड़ के सालाना टैक्स वसूली के लक्ष्य के मुकाबले करीब 24 लाख करोड़ की टैक्स वसूली की क्षमता है. बशर्ते कि लोग ईमानदारी से टैक्स चुकाएं और भ्रष्टाचार पर लगाम कसें.
भारत की तारीफ में कसीदे काढ़े
शहबाज शरीफ को न चाहते हुए भी भारत की तारीफ करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश हमसे बहुत आगे है. पाकिस्तान तमाम चुनौतियों से जूझ रहा है, जिसमें राजस्व वसूली भी एक बड़ी समस्या है. टैक्स चोरी और भ्रष्टाचार की वजह से सरकारी खजाना कमजोर हो रहा है. मजबूरी में हमें आईएमएफ के पास जाकर कर्ज मांगना पड़ रहा है. लेकिन, हम सुधार की तरफ कदम बढ़ाएंगे और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाएंगे.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved