नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)में शत प्रतिशत वोटिंग हो इसलिए निर्वाचन आयोग (Election Commission)मतदाताओं को जागृक भी कर रहा है वहीं कई गांवों में वोटिंग का बायकॉट (Boycott of voting)भी किया जा रहा है । ऐसा ही मामला गुजरात(Gujarat) के 3 गांवों के करीब एक हजार मतदाताओं ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया। यही नहीं कई अन्य गांवों के लोग सरकार से अपनी अधूरी मांगों के कारण मतदान से आंशिक रूप से दूर रहे। गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भरूच जिले के केसर गांव, सूरत जिले के सनधारा और बनासकांठा जिले के भाखरी गांव के मतदाताओं ने वोटिंग का पूरी तरह बहिष्कार किया। वहीं जूनागढ़ जिले के भटगाम गांव और महिसागर जिले के बोडोली और कुंजारा गांवों के वोटर ने इसका आंशिक रूप से बहिष्कार किया।
सनधारा गांव बारडोली लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है और यहां 320 मतदाता हैं। निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 320 मतदाताओं में से किसी ने भी कुछ लंबित मुद्दों पर अपना वोट नहीं डाला, जबकि स्थानीय चुनाव प्रशासन और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने उन्हें बाहर आने और अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मनाने की कोशिश की।
पाटन संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भाखरी गांव के लगभग 300 मतदाताओं ने भी अपनी ग्राम पंचायत के विभाजन के विरोध में सामूहिक रूप से मतदान का बहिष्कार करने का फैसला किया। समझाने के बावजूद वे अपने मताधिकार का प्रयोग न करने के अपने फैसले पर कायम रहे। भाजपा के उम्मीदवार भरतसिंह डाभी भी गांव में पहुंचे और उनसे मतदान प्रक्रिया में शामिल होने का अनुरोध किया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
भरूच जिले के केसर गांव में भी करीब 350 मतदाता वोट न डालने के अपने फैसले पर अड़े रहे और दिन के अंत तक एक भी वोट नहीं डाला गया। गुजरात की कुल 26 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर मंगलवार को एक ही चरण में मतदान हुआ। यह पहली बार नहीं था कि मतदाताओं ने वोट का बहिष्कार किया हो। भाजपा ने पहले ही सूरत सीट पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली है।
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