नई दिल्ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections) में पहले दो चरणों के मुकाबले तीसरे चरण (third stage)में मतदान प्रतिशत(voting percentage) बढ़ने से आने वाले चरणों के लिए ज्यादा मतदान की उम्मीदें(voting expectations) बंधी हैं। भाजपा ने भी इस चरण के मतदान को अपने लिए बेहतर माना है और अगले दो दिन में वह अपनी बूथ स्तरीय रिपोर्ट की भी समीक्षा कर लेगी। इसके बाद आने वाले बाकी चार चरणों की रणनीति पर काम किया जाएगा। हालांकि भाजपा नेताओं का दावा है कि अभी तक उसकी रणनीति के अनुसार ही चुनाव आगे बढ़ रहा है।
आपको बता दें कि 93 लोकसभा सीटों के लिए तीसरे चरण के लिए हुई वोटिंग में मतदान 64.5% तक पहुंच गया। 2019 में यह 66% था। पहले दो चरणों की तरह, तीसरे दौर में भी 2019 की तुलना में कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया, लेकिन अंतर काफी कम हो गया है। चुनाव आयोग के वोटर ऐप पर रात 11.45 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, इस चरण में असम में 81.7% के साथ सबसे अधिक मतदान हुआ। सबसे कम उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर मतदान हुआ, जहां 2019 में 60% के मुकाबले 57.3% मतदान हुआ। बिहार में 58.2% और गुजरात में 59.2% वोटिंग हुई है।
भाजपा इस बार लगातार तीसरी बार सत्ता की दावेदार ही नहीं है, बल्कि उसका लक्ष्य भी बड़ा है। ऐसे में मतदान का प्रतिशत और हर बूथ पर उसके अपने समर्थन में पड़ने वाले और विरोध में जाने वाले वोट काफी अहम है। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि अभी तक सब कुछ रणनीति के मुताबिक ही हो रहा है। पहले दो चरणों में कम मतदान से भी पार्टी को कोई नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि उसका प्रदर्शन पहले से बेहतर होगा। तीसरे चरण में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने समर्थकों को मतदान केंद्रों तक लाने में और ज्यादा मेहनत की है।
और सघन होगा भाजपा का चुनाव अभियान
अब जबकि आधी से ज्यादा सीटों के लिए मतदान हो चुका है और भाजपा के कई बड़े नेताओं के चुनाव भी हो चुके हैं, ऐसे में उसका आगामी चुनाव अभियान और सघन होगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता शहरी क्षेत्रों में ज्यादा रोड शो करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभाओं के जरिए जनता तक पहुंच को व्यापक करेंगे। रैलियां बढ़ेंगी और जनसंपर्क भी तेज होगा।
पिछले चुनाव की तुलना में दो गुनी सभा करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट वाराणसी में सबसे आखिरी चरण में मतदान होना है। ऐसे में मोदी भी नामांकन के अलावा कुछ दिन अपने क्षेत्र में रहेंगे। लेकिन तब तक वह देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपना अधिकांश चुनाव अभियान पूरा कर चुके होंगे। इस बार प्रधानमंत्री की पिछले चुनाव की तुलना में दो गुनी सभाएं होने की संभावना है।
पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी धुआंधार प्रचार करेंगे।
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