नई दिल्ली (New Delhi)। राफा में अटैक (attack in rafah)करने के बाद हमास(Hamas) ने घुटने टेक दिए है । इजरायली सेना (israeli army)के हमला शुरू करने के बाद हमास की तरफ से बड़ा बयान (big statement)आया है। हमास के नेता इस्माइल हनीये (Leader Ismail Haniyeh)ने सोमवार को कतर और एजिप्ट को बताया कि उनका फिलिस्तीनी संगठन सीजफायर का प्रस्ताव स्वीकार करने को तैयार है। बता दें कतर और एजिप्ट गाजा में सीजफायर के लिए इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता कर रहे थे। एजिप्ट की राजधानी काहिरा में इसको लेकर बातचीत चल रही थी।
राफा को खाली करने का आदेश भी दे दिया था
बता दें कि इजरायली सेना ने फिलिस्तीनियों को राफा खाली करने का आदेश भी दे दिया था। इसके बाद बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी अपना घर बार छोड़कर निकल गए थे। वहीं हमास ने भी इजरायल को धमकी दी थी। इससे पहले भी हमास ने मिस्र में सीजफायर के प्रस्ताव को स्वीकार करने का संकेत गकिया था। हालांकि हमास ने जब शालोम क्रॉसिंग पर हमला किया तो सीजफायर की वार्ता विफल होने लगी। हमास के हमले में चार इजरायली सैनिकों की जान चली गई थी।
हमास के सीजफायर समझौते को मानने की बात पर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जिस समझौते की बात हमास कर रहा है वह इजराली मांग से बहुत दूर की बात है। अब भी हमास इजरायल की शर्त मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में राफा में हमला रोका नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, राफा में इजरायली सेना का ऑपरेशन जारी रहेगा।
समझौते को लेकर हमास प्रपोजल स्वीकार करने को तैयार
हमास मूवमेंट के पॉलिटिकल ब्यूरो के हेड इस्माइल हनीये ने कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी और एजिप्ट के इंटेलिजेंस मिनिस्टर अब्बास कमल को बताया कि सीजफायर समझौते को लेकर हमास प्रपोजल स्वीकार करने को तैयार है। बता दें कि राफा के लोगों को सोमवार से पहले ही चले जाने का आदश दिया गया था। इजरायली सेना ने कहा था कि फिलिस्तीनी उनके द्वारा बनाए गए सुरक्षित इलाके अल मवासी में चले जाएं ताकि राफा में जमीनी ऑपरेशन चलाया जा सके।
इजरायल ने राफा खाली करने को कहा था लेकिन इस मामले में उसे अमेरिका का साथ नहीं मिला था। अमेरिका का कहना था कि गाजा के दक्षिणी शहर राफा को खाली करने का कोई इवैकुएशन प्लान नहीं तैयार किया गया है। बता देंकि गाजा के फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक इजरायली हमले में 34,700 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 78000 लोग घायल हो गए हैं। 7 अक्टूबर को हमास के इजरायल पर हमले के बाद यह तबाही शुरू हुई है जिसमें 1200 लोग मारे गए थे और 252 को बंधक बना लिया गया था।
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