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    कड़े मुकाबले वाली सीटों पर भाजपा ने बदली रणनीति, मुरैना समेत इन सीटों पर कांटे का मुकाबला

  • May 06, 2024

    भोपाल। मध्यप्रदेश में तीसरे चरण में होने वाले मतदान (Voting in the third phase in Madhya Pradesh) के लिए भाजपा और कांग्रेस एक्टिव हो गए हैं। इस चरण में 9 सीटों पर वोटिंग होगी। भाजपा ने स्थानीय कार्यकर्ताओं (BJP local workers) के अलावा स्थानीय नेताओं को मतदान की शाम तक अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। जबकि बूथ प्रभारियों से लेकर पन्ना और अर्ध पन्ना प्रभारियों को भी सक्रिय कर दिया है। इस पूरी कवायद की मॉनिटरिंग प्रदेश भाजपा कार्यालय (State BJP Office) से की जाएगी। इधर, कांग्रेस ने भी मतदान वाले क्षेत्रों के लिए रणनीति तैयार की है। कांग्रेस कार्यकर्ता टोलियों में प्रचार के लिए निकल रहे हैं। वे पार्टी की गारंटियों का कार्ड घर-घर तक पहुंचा रहे हैं। परंपरागत वोटरों से संपर्क करते हुए नजर आ रहे हैं।

    सात मई को लोकसभा चुनाव की तीसरे चरण की वोटिंग होगी। इसमें मध्यप्रदेश की भिंड, मुरैना, ग्वालियर, गुना, राजगढ़, भोपाल, सागर, विदिशा और बैतूल लोकसभा सीट पर मतदान होगा। पिछले दो चरण में मतदान प्रतिशत कम होने के बाद इस बार भाजपा का जोर मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर है। पार्टी का इनमें भी उन तीन सीटों पर ज्यादा जोर है। जहां मुकाबला टक्कर का माना जा रहा है। राजगढ़, मुरैना और भिंड तीन ऐसी हैं, यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों का ही ज्यादा फोकस नजर आ रहा है।

    राजगढ़ सीट से भाजपा की तरफ से तीसरी बार रोडमल नागर मैदान में है। जबकि कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह साइलेंट मोड में चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने ग्राउंड पर ज्यादा फोकस किया है। सिंह भाजपा के पैटर्न पर चुनाव लड़ते दिख रहे हैं। सिंह ने बूथ लेवल पर फोकस किया है। स्थानीय जातीय समीकरणों को साधने सचिन पायलट और अशोक गहलोत की सभा हुई हैं। महिला वोटर्स को साधने के लिए पत्नी अमृता सिंह और बहू श्रीजम्या सिंह भी मैदान में हैं। जबकि भाजपा का जोर बड़े नेताओं की सभाओं पर है। भाजपा स्थानीय प्रत्याशी की बजाय मोदी के चेहरे को आगे रख रही है। सीएम मोहन यादव और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान 10 से ज्यादा सभा ले चुके हैं।

    मुरैना में भी कांटे का मुकाबला नजर आ रहा है। इस सीट पर जातीय फैक्टर काम करता है। पूर्व सांसद नरेंद्र तोमर से नजदीकी के चलते भाजपा ने शिव मंगल तोमर को उम्मीदवार बनाया है। क्षेत्र में शिव मंगल की अपनी कोई पहचान नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी सत्यपाल सिकरवार की जौरा, सबलगढ़, सुमावली, अम्बाह और श्योपुर विधानसभा में अच्छी पकड़ है। विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा की पांच सीट भाजपा गंवा चुकी है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में समीकरण ठीक करने के लिए कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में शामिल किया है।


    भिंड सीट पर भी कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। इस लोकसभा सीट में सबसे अधिक 30 फीसदी दलित वोटर हैं। इस सुरक्षित सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद संध्या राय को प्रत्याशी बनाया है। राय मुरैना की रहने वाली हैं। उनके खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी दिख रही है। कांग्रेस ने भांडेर से विधायक फूल सिंह बरैया को टिकट दिया है, लेकिन बसपा के देवाशीष उनका समीकरण बिगाड़ रहे हैं। विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस दोनों के पास बराबर 4-4 सीटें हैं।

    प्रदेश के राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार ऋषि पांडेय अमर उजाला से चर्चा में कहते हैं कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में आने वाली चारों लोकसभा सीटें ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना पर पिछली बार भाजपा का कब्जा था। इस बार इनमें से केवल एक सीट गुना को छोड़ दिया जाए, तो बाकी तीन पर मुकाबला आसान नजर नहीं आता। कांग्रेस पिछली बार के मुकाबले इस बार कुछ सीटों पर कड़ी टक्कर देती हुई नजर आ रही है। राजगढ़ में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है। वे इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। स्थानीय लोगों से आखिरी चुनाव कहकर वोट मांगते हुए नजर आ रहे हैं। इस सीट पर प्रचार कर गृहमंत्री अमित शाह ने भी माहौल बदलने की कोशिश की है। क्योंकि भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी है। जबकि ग्वालियर, मुरैना और भिंड में बसपा के चुनाव मैदान में उतरने से लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। ये इन तीनों सीटों पर उतरे प्रत्याशी कांग्रेस के बागी हैं। इससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।

    प्रदेश भाजपा के नेताओं का कहना है कि जिन सीटों पर मुकाबला टक्कर का माना जा रहा है। वहां भाजपा ने मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए भाजपा ने बूथ प्रभारियों के साथ ही पन्ना और अर्ध पन्ना प्रभारियों को अब मतदान खत्म होने तक सक्रिय रहने के लिए कहा है। पार्टी ने स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद सहित वार्ड के नेताओं को भी मतदान के दिन तक अलर्ट रहकर एक-एक घर में संपर्क करने के लिए कहा गया है। सभी से मतदान वाले दिन एक-एक वोटर्स को वोट करवाने के लिए प्रयास करने को भी कहा गया है। इधर, कांग्रेस ने भी तैयारियां पूरी कर ली है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मतदान से पहले सभी उम्मीदवार जनता से पैदल चलकर वोट मांगते हुए नजर आएंगे। राजगढ़, मुरैना और भिंड को लेकर पार्टी ने अलग से प्लान तैयार किया है। तीनों उम्मीदवारों की टीमें अलग अलग ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय रहेगी। ये टीम गांव-गांव जाकर प्रचार कर रही है।

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