वाशिंगटन (Washington) । भारत (India) को डेमोक्रेसी पर नसीहत देने वाले अमेरिका (America) ने अपने ही देश में ही ऐसी हरकत कर दी है कि अब हर जगह उसकी फजीहत हो रही है। दरअसल, अमेरिका के विभिन्न कॉलेज परिसरों में हाल के दिनों में फिलिस्तीन समर्थकों (Palestine supporters) के प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने 2300 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया है और परिसरों में लगे तंबुओं व प्रदर्शनकारियों द्वारा कब्जा की गई इमारतों को खाली करा दिया है. कोलंबिया विश्वविद्यालय की प्रशासनिक इमारत के भीतर एकत्र प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए एक अधिकारी ने गोली भी चलाई, जिसकी अभियोजक कार्यालय ने पुष्टि की है. जिला अधिवक्ता एल्विन ब्राग के कार्यालय के एक प्रवक्ता डॉग कोहेन के मुताबिक, कोलंबिया परिसर में हैमिल्टन हॉल के भीतर मंगलवार देर रात अधिकारी द्वारा चलाई गई गोली से कोई घायल नहीं हुआ.
कोहेन ने गुरुवार को बताया कि गोली किसी को निशाना बनाकर नहीं चलाई गई थी और उस वक्त वहां दूसरे अधिकारी मौजूद थे लेकिन आसपास कोई छात्र मौजूद नहीं था. उन्होंने बताया कि ब्राग का कार्यालय घटना की समीक्षा कर रहा है. इजराइल-हमास युद्ध को लेकर परिसरों में हाल में हुए प्रदर्शनों के दौरान कोलंबिया में हुई कार्रवाई के दौरान 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया. ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ द्वारा गुरुवार को जुटाए गए आंकड़ों में पाया गया कि 18 अप्रैल से अमेरिका के 40 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में गिरफ्तारी की कम से कम 50 घटनाएं हुई हैं.
पुलिस ने फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को शुक्रवार सुबह न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में लगे तंबू से बाहर निकलने का आदेश दिया. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता जॉन बेकमैन के अनुसार, लगभग एक दर्जन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया जिन्होंने पुलिस के आदेश को मानने से इनकार कर दिया था, जबकि लगभग 30 अन्य लोग स्वेच्छा से चले गए. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को कक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चलेंगी. प्रवक्ता ने बताया कि 22 अप्रैल को एक बड़े शिविर को ध्वस्त कर दिया गया था और 130 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था.
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