नई दिल्ली. एक ओर चीन में बैंकिंग से लेकर रियल एस्टेट संकट (China Crisis) तक चरम पर है, तो वहीं अमेरिका के हाल भी बेहाल हैं. यहां Banking Crisis गहराया हुआ है और इसका ताजा उदाहरण रिपब्लिक फर्स्ट बैंक (Republic First Bank) बना है. ये साल 2024 का पहला अमेरिकी बैंक है, जो डूब गया है. इसके पहले बीते साल कई बैंक फेल हुए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) ने तमाम कमियों को उजागर करते हुए इसे सीज कर दिया है. आइए जानते हैं कि आखिर ऐसे नौबत क्यों आई?
FDIC ने क्यों सीज किया बैंक?
अमेरिकी बैंकिंग सेक्टर के लिए इस साल की पहली सबसे बुरी खबर आई है. बीते शुक्रवार को फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्प (FDIC) ने कहा था कि अमेरिकी नियामकों ने रिपब्लिक फर्स्ट बैनकॉर्प को सीज कर दिया है और इसे फुल्टन बैंक (Fulton Bank) को बेचने पर सहमति व्यक्त की है.
फुल्टन बैंक ने कर लिया टेकओवर
रिपोर्ट के मुताबिक, Fulton Bank ने अब Republic First Bank के फेल होने के बाद इसका टेकओवर कर लिया है. Fulton Bank ने इस बैंक के सभी डिपॉजिट और एसेट्स को खरीद लिया है. यही नहीं शनिवार से रिपब्लिक फर्स्ट बैंक की 32 ब्रांचेस को फुल्टन बैंक ब्रांच के नाम से खोल भी दिया गया है. इससे पहले सिटिजन बैंक, सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक भी बंद किए जा चुके हैं, जो अमेरिका में गहराए बैंकिंग संकट के बड़े उदाहरण हैं.
बीते साल 2023 में वॉल स्ट्रीट जरनल ने एक रिपोर्ट में कहा था कि रिपब्लिक फर्स्ट बैंक ने एक इन्वेस्टमेंट ग्रुप के साथ सौदा किया था, लेकिन यह कोशिश भी फरवरी 2024 तक बेकार हो गई. डील के फेल होने के बाद से ही FDIC ने बैंक को जब्त करने और बेचने के प्रयास फिर से शुरू कर दिए थे.
पिछले साल से ही दिखने लगे थे संकेत
Republic First Bank में बीते साल से ही संकट गहराने लगा था, जब बैंक नौकरियों में भारी कटौती करना शुरू कर दिया था. यही नहीं मोर्टाज बिजनेस से बाहर निकल गया था, इसके पीछे की कारण उच्च लागत और प्रॉफिट में सुधार ना होना रहा था. बैंक के शेयर का भी साल 2024 आते-आते बुरा हाल हो गया था और बीते 26 अप्रैल को बैंक के एक शेयर की कीमत 2 डॉलर से गिरकर करीब 1 सेंट हो गई थी और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन बी कम होकर 2 मिलियन डॉलर से कम रह गया था.
बैंक फेल होने की ये भी बड़ी वजह!
इस तरह से बैंकों के फेल होने के पीछे की वैसे तो तमाम वजह हैं, लेकिन इनमें सबसे बड़ी प्रॉपर्टी के बदले लिए जाने वाले बकाया लोन की वैल्यू में लगातार गिरावट सामने आई है. गौरतलब है कि ब्याज दरों (US Policy Rate) के हाई लेवल पर बने रहने और कमर्शियल रियल एस्टेट की वैल्यू में गिरावट से कई क्षेत्रीय और कम्युनिटी बैंकों के लिए फाइनेंशियल रिस्क बढ़ गया है.
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