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    आर्थिक समीक्षा : जल्‍द हो सकती है खाद्य पदार्थों की कीमतों में आएगी नरमी

  • April 28, 2024

    नई दिल्ली (New Delhi)। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने हाल ही जारी अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा (economic review) में बताया है कि सरकार को मानसून के बाद खाद्य पदार्थों (food items) की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, क्यों कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस बार सामान्य से अधिक मानसून का अनुमान जताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य से अधिक बारिश से फसलों का अधिक उत्पादन होगा। वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा, “खाद्य कीमतों में और नरमी आने वाली है क्योंकि आईएमडी ने मानसून के मौसम के दौरान सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है। इससे वर्षा जल का बेहतर वितरण और उच्च उत्पादन होने की संभावना है।”



    मार्च महीने में खाद्य मुद्रास्फीति 8.5% रही
    भारत में खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी के 8.7 प्रतिशत से घटकर मार्च में 8.5 प्रतिशत रह गई है। खाद्य मुद्रास्फीति का उच्च स्तर मुख्य रूप से सब्जियों और दालों की बढ़ी कीमतों के कारण है। सरकार ने कीमतों पर अंकुश लगाने के उपाय किए हैं। जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक सीमा तय करना, प्रमुख खाद्य पदार्थों के बफर को मजबूत करना और समय-समय पर उसे खुले बाजार को जारी करना शामिल है।ब्राजील और अर्जेटीना से दालों की खरीद के लिए चल रही बातचीत
    सरकार ने आवश्यक खाद्य वस्तुओं के आयात को आसान बनाया है। इसके अलावे नामित खुदरा दुकानों के माध्यम से आपूर्ति को सुव्यवस्थित किया गया है। सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि सरकार दालों के आयात के दीर्घकालिक अनुबंध के लिए ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे नए बाजारों के साथ बातचीत कर रही है। ब्राजील से 20,000 टन उड़द का आयात किया जाएगा और अर्जेंटीना से अरहर आयात करने के लिए बातचीत लगभग अंतिम चरण में है। सरकार ने दालों के आयात के लिए मोजाम्बिक, तंजानिया और म्यांमार से भी अनुबंध किया है। सब्जियों के संबंध में, क्रिसिल की हालिया रिपोर्ट भी बताती है कि, सब्जियों की कीमतें जून के बाद कम हो जाएंगी।

    आईएमडी ने 2024 में सामान्य से अधिक मानसून की भविष्यवाणी की है

    रिपोर्ट में कहा गया है, “आईएमडी ने 2024 में सामान्य से अधिक दक्षिण-पश्चिम मानसून की भविष्यवाणी की है। यह सब्जियों की कीमतों के लिए अच्छा है, लेकिन मानसून का वितरण भी महत्वपूर्ण है। आईएमडी को जून तक सामान्य से अधिक तापमान की उम्मीद है, जिससे अगले कुछ महीनों तक सब्जियों की कीमतें बढ़ सकती हैं।” इस वर्ष मार्च में सब्जियों की महंगाई दर फरवरी महीन के 30 प्रतिशत से घटकर 28.3 प्रतिशत रह गई है, पर यह पिछले साल के 8.4% की अपस्फीति की तुलना में बहुत अधिक है।

    आरबीआई की एमपीसी ने खाने-पीने के चीजों की बढ़ती कीमतों पर जताई थी चिंता
    इससे पहले आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई थी। हालांकि एमपीसी ने कहा रबी की रिकॉर्ड फसल अनाज की कीमतों को कम करने में मदद करेगी। एमपीसी ने कहा कि मौसम मौसम की अनिश्चतता से जुड़ी घटनाएं खाद्य पदार्थों की कीमतों के लिए झटका साबित होती हैं। इस पर भू-राजनीतिक तनाव और तेल की कीमतों का भी असर पड़ता है। एमपीसी के अनुसार हालांकि इस साल आईएमडी के सामान्य से अधिक मानसून की भविष्यवाणी से शुरुआती चरण में खरीफ फसल की संभावनाएं भी बेहतर दिख रही हैं। उच्च खाद्य मुद्रास्फीति दुनिया की कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक चुनौती बनी हुई है। उदाहरण के लिए, जर्मनी, इटली, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों का सामना कर रहे हैं।

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