इंदौर। चोरल रेंज, मानपुर, कालाकुंड के जंगलों में विगत कई दिनों से अचानक आग लगती आ रही है। सैटेलाइट के जरिए इसकी सूचना इंदौर वन विभाग के अधिकारियों को मिली। खबर मिलते हो फारेस्ट फायर फाइटर की टीम ने जीपीएस के जरिए लोकेशन पर पहुंचकर आग को बुझाकर आगे फैलने से रोक लिया। बताया जा रहा है कि पिछली 15 फरवरी से अब तक लगभग 200 जगह आग लग चुकी है।
डीएफओ महेंद्रसिंह सोलंकी ने बताया कि 15 फरवरी से शुरू हुए फायर सीजन के चलते अभी तक इंदौर वन विभाग के अधीन जंगलों में लगभग 200 जगह आग लग चुकी है। सैटेलाइट सिस्टम और फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के सॉफ्टवेयर के कारण जंगल में लगी आग की सूचना जल्दी मिलने के कारण आग पर जल्दी ही काबू पा लिया गया। इस वजह से इतनी बार आग लगने के बावजूद जंगल को कोई नुकसान नहीं हुआ। आग पर जल्दी काबू पाने में मोबाइल पर मैसेज अलर्ट के अलावा ब्लोअर मशीन बहुत काम आ रही है। इस मशीन की वजह से आग के आसपास की घास और पत्तों को समेटने में बड़ी मदद मिलती है। इस कारण आग आगे नही फैल पाती।
सैटेलाइट सिस्टम बना बड़ा मददगार
जंगल में किसी स्थान पर आग लगने की सूचना अब सैटेलाइट के माध्यम से वन विभाग को मिल जाती है। आग लगने के बाद डीएफओ के मोबाइल पर जीपीएस रीडिंग सहित मैसेज आ जाता है। सैटेलाइट से कनेक्ट नहीं होने के पहले जंगल में लगी आग की कई घटनाओं को अधिकारी-कर्मचारी आसानी से छिपा लेते थे। इसके अलावा आग की बड़ी घटनाओं की जानकारी देरी से मिलने पर आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता था। मैदानी क्षेत्र की अपेक्षा जंगल में आग लगने की दशा में उसका सही समय पर पता लगाना मुश्किल भी होता था।
मगर सैटेलाइट सिस्टम की मदद के चलते आग की सूचना जल्दी मिल जाती है। इसके कारण उस पर नियंत्रण जल्दी पा लिया जाता है। जंगल में लगी आग की सूचना और लोकेशन का जल्दी से जल्दी पता लग सके, इसके लिए अब वन विभाग के फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया ने सैटेलाइट के माध्यम से आग का पता लगने का सिस्टम लागू किया है। इसके कारण जंगल में आग की सूचना सैटेलाइट के माध्यम से फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया को मिल जाती है।
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