इंदौर। शहर में बनने वाले सबसे लंबे एलिवेटेड ब्रिज के लिए 230 से ज्यादा पिलर बनाए जाएंगे। हर पिलर की अधिकतम ऊंचाई 10 मीटर होगी और चौड़ाई 2.50 मीटर होगी। बीआरटीएस कॉरिडोर पर एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण एमआर-9 चौराहे से नौलखा के बीच किया जाना है। बीआरटीएस कॉरिडोर पर ब्रिज की लंबाई 6.60 किमी रहेगी, जबकि इसकी तीन भुजाएं मिलाकर यह लंबाई 7.40 किलोमीटर होगी। पीडब्ल्यूडी ब्रिज सेल ने काम शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यालय से ब्रिज की स्ट्रक्चर डिजाइन मंजूर होने के बाद जल्द ब्रिज का मैदानी काम शुरू हो जाएगा। ट्रैफिक और काम की सुविधा के लिए टुकड़ों-टुकड़ों में काम किया जाएगा। पाइलिंग मशीनों से पिलर फाउंडेशन के लिए गड्ढे खोदे जाएंगे। बस लेन के जिन-जिन हिस्सों में काम होगा, वहां आई-बस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस आदि को सामान्य वाहनों की लेन से गुजारना होगा। पिलर बनने के बाद स्लैब डालने का काम होगा। इस पूरी कवायद में ढाई से तीन साल का वक्त लगने का अनुमान है।
एलआईजी से शिवाजी प्रतिमा तक काम के दौरान सबसे ज्यादा होगी परेशानी
बीआरटीएस कॉरिडोर पर एलिवेटेड ब्रिज के काम के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी एलआईजी से शिवाजी प्रतिमा जंक्शन के बीच होगी। मई से ब्रिज की मैदानी गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। कांट्रेक्टर, पीडब्ल्यूडी के साथ ट्रैफिक पुलिस काम के दौरान ट्रैफिक डायवर्शन संबंधी व्यवस्थाएं संभालेंगे।
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