लखनऊ (Lucknow) । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में वोटरों (voters) की उदासीनता और मौसम के रुख ने सियासी दलों की चिंता बढ़ा दी है। यूपी (UP) में पहले चरण की 8 लोकसभा सीटों (Lok Sabha seats) पर 2019 के मुकाबले वोटिंग 5.36% कम हुई है। दूसरे चरण का मतदान (vote) 26 अप्रैल को है। उस दिन तापमान 40 डिग्री के पार पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग ने लू की चेतावनी दी है। ऐसे में दूसरे चरण में भी लू व गर्मी में वोटों के ‘झुलसने’ का खतरा बढ़ गया है। इसलिए, सियासी दलों ने वोटरों को जगाने और बूथ तक पहुंचाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
पहले चरण की कम वोटिंग को पक्ष-विपक्ष अपने-अपने नजरिए से देख रहा है। आधिकारिक तौर पर सब अपने पक्ष में मतदान का दावा कर रहे हैं, लेकिन अंदरखाने धड़कनें बढ़ी हुई हैं। इसलिए, दूसरे चरण में गर्म मौसम के बीच चुनावी माहौल गर्माने और मतदान बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास हो रहे हैं।
पिछली बार 23 तक हो गए थे तीन चरण
2019 में 23 अप्रैल तक मतदान के तीन चरण हो गए थे। पहले चरण में 8 सीटों पर 11 अप्रैल को लगभग 65% वोट पड़े थे। उस समय तापमान 37 डिग्री सेल्सियस था। दूसरे चरण में 8 सीटों 18 अप्रैल को 62% से अधिक मतदान हुआ था और तब अधिकतम पारा 32 डिग्री के आसपास था। तीसरे चरण की 10 सीटों पर 37 डिग्री मतदान के बीच 23 अप्रैल को लगभग 62% वोट पड़े थे। इस बार पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हुआ। उस समय वोटिंग वाले क्षेत्रों में 37 से 39 डिग्री के बीच अधिकतम तापमान रहा।
हालांकि, कम वोटिंग की वजह मुद्दों से लेकर माहौल तक में उदासीनता और स्थानीय स्तर पर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की क्रम सक्रियता भी बताई जा रही है। इसलिए, दूसरे चरण में दल संगठन में निचले स्तर पर मेहनत बढ़ाने में जुटे हैं। राजनीतिक दलों की रणनीति जान लीजिए…
भाजपा : हर कार्यकर्ता को 10-10 वोटर का जि़म्मा
दूसरे चरण में मतदान बढ़ाने के लिए भाजपा ने हर कार्यकर्ता को अपने मोहल्ले के 10-10 वोटर निकालकर बूथ तक ले जाने की जिम्मेदारी दी है। गर्मी को देखते हुए सुबह 10 बजे तक अधिक से अधिक वोट डलवाने पर जोर रहेगा। सभी पन्ना प्रमुखों को अपने पन्ने में दर्ज 60 वोटर से एक दिन पहले ही संपर्क कर उनका मोबाइल नंबर और वोटिंग के लिए जाने का वक्त नोट करने की जिम्मेदारी दी गई है। मोबाइल नंबर और वक्त मतदान वाले दिन वोटर से संपर्क करने वाले कार्यकर्ताओं को दिए जाएंगे। किसानों, कटाई में लगे मजदूरों और बाहर नौकरी कर रहे लोगों से संपर्क करने की जिम्मेदारी हर जिले में जिलाध्यक्ष, MLA और MLC को दी गई है, जो उन्हें वोटिंग के लिए प्रेरित करेंगे।
सपा : वोट पर आश्वस्त, कांग्रेस सक्रियता बढ़ी
सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी का दावा है कि पहले चरण में भी कम वोटिंग के बावजूद उसके वोटर बूथ तक पहुंचे हैं। उनका कहना है कि गरीब, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान इस बार भी वोट डालने जाएंगे। मतदान कम इसलिए दिख रहा है, क्योंकि भाजपा का वोटर निकल नहीं रहा और लोग सरकार से नाउम्मीद हो चुके हैं। बाकी बूथ स्तर पर पदाधिकारियों को वोटरों से संपर्क करने को कहा गया है।
कांग्रेस के वॉर रूम के प्रभारी संजय दीक्षित कहते हैं कि पहले फेज में पोलिंग भले कम हुई हो, लेकिन हमारे वोटरों ने बूथ तक जाने में कोई गुरेज नहीं किया। बावजूद इसके हम चाहते हैं कि अगले चरणों में भी हमारे वोटर पोलिंग से छूट न जाएं। इसलिए, बूथ एजेंट से लगातार संपर्क किया जा रहा है।
बसपा : घर-घर जा रहे कार्यकर्ता
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल कहते हैं कि चिंता वे लोग करें, जिनके वोटर नहीं निकल रहे हैं। हमारे वोटर को धूप, गर्मी, बारिश सबकी आदत है और वह वोट करते जाता ही है। बाकी हर बूथ पर कमिटी बनी है। वोटरों से संपर्क की उनकी जिम्मेदारी तय की गई है। कार्यकर्ता घर-घर जाकर वोटरों को निकालने का प्रयास और बढ़ाएंगे। हालांकि, आयोग को भी पार्टियों को पंडाल लगाने सहित अन्य सहूलियतों को बढ़ाने की अनुमति देनी चाहिए।
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