इंदौर। सांप गुजर जाने के बाद लकीर पीटने की तरह निगम 28 करोड़ के फर्जी बिल कांड की अंदरुनी में जुटा है, तो दूसरी तरफ इस घोटाले में लिप्त और भगोड़े ठेकेदारों की तलाश में पुलिस द्वारा छापे मारे जा रहे हैं। साथ ही इन भगोड़े ठेकेदारों पर 10-10 हजार का ईनाम भी घोषित किया गया। निगम में जो पते इन फर्मों ने बताए वे सब बोगस भी निकले। जैसे राहुल और रेणु वडेरा का पता आशीष नगर दर्शाया गया और मौके पर उनकी क्षीतिज इंटरप्राइजेस और जाह्नवी इंटरप्राइजेस फर्म नहीं मिली, जबकि असल पते पर करोड़ों का आलीशान बंगला तना है।
अग्रिबाण ने निगम के 28 करोड़ के ड्रैनेज घोटालों से लेकर कई तथ्यों का खुलासा किया है। उसी कड़ी में इन फर्मों के फर्जी पते की भी नई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। निगम द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर के आधार पर एमजी रोड पुलिस द्वारा इन 5 फर्मों के ठिकानों पर जब जांच की गई तो पता चला कि मोहम्मद सिद्दीकी की 147 मदीना नगर, मोहम्मद जाकिर और मोहम्मद साजिद की भी इसी पते पर न्यू, ग्रीन और किंग कंस्ट्रक्शन नाम की कोई फर्म ही नहीं है।
इसी तरह रेणु वडेरा की फर्म क्षीतिज इंटरप्राइजेस का पता निगम रिकॉर्ड में 6, आशीष नगर बताया गया और उनके पति राहुल वडेरा की फर्म जाह्नवी इंटरप्राइजेस का पता 12, आशीष नगर निगम रिकॉर्ड के मुताबिक बताया गया है। जबकि असल में राहुल और रेणु वडेरा का असल पता निपानिया स्थित अपोलो डीबी सिटी के अपटाउन का है, जहां पर डी-45 पर आलीशान करोड़ों रुपए का बंगला है, जिसके बाहर लगी विशाल नेम प्लेट पर श्रीजी निवास राहुल वडेरा की नेम प्लेट भी लगी है। कुछ समय पूर्व ही ये बंगला बनवाया गया। इसके पहले ये दम्पती फ्लेट में रहते थे।
दूसरी तरफ 3 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान भी इन ठगोरी फर्मों को करना पाया गया है, तो दूसरी तरफ विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इंदौर में उजागर हुए इस घोटाले की तर्ज पर प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में भी जांच के निर्देश दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि नगर निगम जिन ठेकेदार फर्मों को करोड़ों रुपए के काम सौंप रहा है उनके द्वारा दिए गए पतों की पड़ताल भी नहीं की जाती कि वाकई उस पते पर फर्म मौजूद है अथवा नहीं। इसके पीछे निगम अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है। आयुक्त के निर्देश पर इस पूरे घोटाले की विभागीय जांच भी की जा रही है, जिसमें शक की सुंईं कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर है भी, जो इस तरह के घोटालों में लिप्त रहे हैं।
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