फिर पुराने ढर्रे पर पुलिस.. लूटेरे पकड़ाए तो खुली पोल
इन्दौर। शहर में मोबाइल (Mobile) लूट (loot) की घटनाएं आम बात हो गई है, लेकिन इसको पुलिस (Police) गंभीरता से लेने के स्थान पर छुपाने में लगी हुई है। इसका खुलास एक लुटेरी गैंग के पकड़े जाने पर हुआ। एक दर्जन लूट के मोबाइल मिले, लेकिन किसी भी मामले में थाने में केस दर्ज नहीं था।
शहर में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने मोबाइल लूट की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए थे कि वे मोबाइल छीनने पर लूट का केस दर्ज करे न की चोरी का, लेकिन उनके जाते ही फिर इंदौर पुलिस पुराने ढर्रे पर आ गई है। मोबाइल के मामले में फिर या तो टीआई केस ही दर्ज नहीं कर रहे है और केवल आवेदन लेकर फरियादी को चलता कर दे रहे है। वहीं कुछ मामलों में 379 चोरी में केस दर्ज कर रहे हैं। इसका खुलासा कल पकड़ी गई बिल्ला गंैग से हुआ है। उन्होंने शहर में एक दर्जन से अधिक मोबाइल लूटना कबूला और ये बरामद भी हो गए, लेकिन किसी भी थाने में मोबाइल लूट का केस दर्ज नहीं किया गया, जो यह बताता है कि पुलिस लूट को लेकर कितनी गंभीर है। पहले भी ऐसा ही होता था और देउस्कर के जाने के बाद फिर पुलिस लुटेरों को पकडऩे के बजाए लूट को छुपाने में लग गई है। एक दर्जन लूट में चोरी का भी केस दर्ज नहीं किया गया है, जबकि पहले जब लूट के केस दर्ज हो रहे थे तो सौ से अधिक लूटेरे पकड़े गए थे, क्योंकि पुलिस उसे गंभीरता से ले रही थी।
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