इंदौर। नगर निगम (Municipal council) द्वारा चलाई जा रही कचरा गाडिय़ों (garbage carts) की अनियमितता के चलते घरों में पड़ा कचरा (garbage) जहां सड़ांध (rot) मार रहा है, वहीं लोगों ने अब सडक़ों पर कचरा फेंकना शुरू कर दिया, जिसके चलते सडक़ें भी कचरे से सराबोर हैं। क्षेत्रों में कचरा गाडिय़ां 4 से 6 दिन में आ रही हैं। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को देखते हुए कांग्रेस (Congress) भी इस मुद्दे को भुनाने की तैयारी में है।
स्वच्छता में लगातार सात बार से नंबर-1 का तमंगा अपने सीने पर सजाने वाले इंदौर शहर में प्रत्येक वार्ड में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था की हालत खस्ता होती जा रही है। शहर की कई कालोनियों और मोहल्लों में घरों से कचरा कलेक्शन करने कचरा गाडिय़ां 4 से 6 दिनों में पहुंच रही हैं। इससे घरों में जमा कचरा खासतौर पर गीला कचरा सडक़र बदबू मार रहा है। राजमोहल्ला झोन, द्रविड़ नगर झोन और अन्य कई जोनल कार्यालय के क्षेत्र हैं, झोनल कार्यालयों के सामने ही कचरा बिखरा पड़ा है। रहवासियों का कहना है कि उक्त सड़ांध मार रहे कचरे को यदि हम घरों के बाहर फेंकते हैं तो निगम कर्मचारी तुरंत हमारा चालान काटने पहुंच जाते हैं, मगर इस कचरे से उत्पन्न बैक्टीरिया से हम बीमार हो जाएंगे तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? रहवासी संगठनों ने उक्त मामले में स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारियों को भी शिकायत की। इस मामले में कांग्रेस भी हाथ धोने की तैयारी में है। कांग्रेस प्रवक्ता संजय बाकलीवाल रहवासियों के साथ डस्टबिन लेकर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।
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