- खनन करने वाली एजेंसियों को कराना होगा पंजीयन, गड्ढा बंद करने की फोटो भी अपलोड करनी होगी
- लापरवाही के गड्ढों पर सख्त हुई सरकार बोरवेल की मोबाइल ऐप से होगी निगरानी
उज्जैन। बोरवेल के खुले गड्ढों में गिरकर लगातार मासूम बच्चों की मौत के बाद अब सरकार सख्त हो गई है। अब खनन के लिए स्थान और समय की सूचना देनी होगी। बोरवेल के सफल या असफल होने की सूचना देने के साथ असफल होने पर सुरक्षित रूप से बंद करने की फोटो भी अपलोड करनी होगी।
खुले बोरवेल में छोटे बच्चों से गिरने की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अब उज्जैन संभाग सहित प्रदेश के हर जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के माध्यम से मोबाइल एप बनवाया है। इस ऐप के माध्यम से प्रत्येक जिले में नलकूप खनन करने वाली एजेंसियों के ठेकेदारों को अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा। खनन के लिए स्थान और समय की सूचना देनी होगी। बोरवेल के सफल या असफल होने की सूचना देने के साथ असफल होने पर सुरक्षित रूप से बंद करने की फोटो भी अपलोड करनी होगी। बोरवेल कराने वाले व्यक्ति या संस्था को इसके सफल या असफल होने पर अक्षांश एवं देशांतर सहित फोटो के साथ जानकारी मोबाइल एप पर दर्ज करनी होगी। बोरवेल यदि असफल हो जाता है या किसी कारण से उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है तो उसे रेत, मिट्टी-गिट्टी आदि से जमीन स्तर पर भरकर बंद कर कांक्रीट का ब्लाक बनाकर सुरक्षित करना होगा। इसकी जानकारी भी ऐप के माध्यम से देनी होगी। असुरक्षित खुले नलकूप की शिकायत भी मोबाइल ऐप या सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से की जा सकेगी। ऐसी शिकायत पर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत तथा नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय नगरीय निकाय द्वारा संज्ञान लेकर ऐसे असुरक्षित नलकूपों पर दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा उपाय करवाए जाएँगे। ऐप के माध्यम से प्रदेश के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्ध निजी एवं शासकीय, खुले एवं बंद नलकूपों की जानकारी भी संग्रहित की जाएगी। ऐप को भी प्रायोगिक तौर पर प्रारंभ किया गया है। इसके बाद बोरवेल खनन कार्य से संबंधित विभागों के अधिकारियों को एप के उपयोग के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान कर इसे विधिवत रूप से प्रारंभ कर दिया जाएगा।