इंदौर. भारत विकास परिषद (Bharat Development Council) एक सेवा एवं संस्कार-उन्मुख अराजनैतिक, सामाजिक-सांस्कृतिक स्वयंसेवी संस्था है जो स्वामी विवेकानंद जी (Swami Vivekananda ji) के आदर्शो को अपनाते हुए मानव-जीवन (human life) के सभी क्षेत्रों (संस्कृति, समाज, शिक्षा, नीति, अध्यात्म, राष्ट्रप्रेम आदि) में भारत (Bharat) के सर्वांगीण विकास के लिये समर्पित है। इसका लक्ष्यवाक्य है – “स्वस्थ, समर्थ, संस्कृत भारत” (“Healthy, Strong, Sanskrit India”)। यह परिषद स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों (ideals) एवं शिक्षाओं (teachings) पर चलती है
* भारत विकास परिषद् संस्कार, सेवा, संपर्क, परियोजना के द्वारा समाज की सेवा करती है।
* संस्कार योजना के द्वारा बच्चों, युवाओं, परिवार, वरिष्ठ नागरिक के लिए विकास कार्यक्रम चलाती है। जिसमे प्रमुख है- बाल संस्कार शिविर, गुरुवन्दन छात्र अभिनंदन, राष्ट्रीय संस्कृत गीत प्रतियोगिता, भारत को जानो, युवा संस्कार शिविर, परिवार संस्कार शिविर, समूह गायन आदि।
* सेवा योजना के द्वारा दिव्यांगो का कल्याण, पुनर्वास, आदिवासी विकास, गाँव और शहरी – झोपड़ी विकास, सामूहिक सरल विवाह, महिलाएं और बच्चे को कानूनी सलाह देती है। अपने संपर्क योजना के द्वारा संस्कृति सप्ताह, स्थापना दिवस और प्रतिभा सम्मान, सेमिनार जैसी कार्यक्रम का आयोजन समय-समय पर करती है।
इसी तारतम्य में अहिल्यानगरी शाखा इंदौर के सचिव भरत नागर ने बताया कि परिषद के स्थाई प्रकल्प जल सेवा के अंतर्गत ग़ोमाता के स्वरूप में बनाई गई मध्यप्रदेश की प्रथम प्याऊ का शुभ आरम्भ बाणगंगा थाने के समीप, न्यू लाईफ हॉस्पिटल प्रांगण, साँवेर रोड़, इंदौर पर शुक्रवार को परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्रीमती प्रफुल्ल एवम सुदर्शन जटाले द्वारा किया गया।
इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय पदाधिकारी रजनीश चौरड़िया सहित बड़ी संख्या में परिषद के सदस्यगण उपस्थित रहे। 500 लीटर स्वच्छ पेयजल संग्रहण क्षमता वाली टंकी से संबद्ध इस प्याऊ का निर्माण सपना नीरज अग्रवाल द्वारा करवाया गया है। यहां हर समय शुद्ध पेयजल उपलब्ध रहेगा।
परिषद के सेवा कार्यों से प्रभावित होकर इस प्याऊ के लिए स्थानीय समाजसेवी न्यू लाइफ अस्पताल के संचालक श्री आनंद प्रकाश शर्मा द्वारा जनसेवा भाव से अपने निवास पर स्थान उपलब्ध करवाया गया है और सहज भक्ति भाव से उन्होंने प्याऊ के रख रखाव की जिम्मेदारी भी सहर्ष स्वीकार की है।
गौमाता के थन से प्रवाहित हो रहे निर्मल जल के आचमन से अभिभूत होकर अपने मन में उमड़ रहे विचार व्यक्त करते हुए संस्था अध्यक्ष संजय सूर्यवंशी ने बताया कि एक समय था जब इंदौर को प्याऊ के शहर के रूप में जाना जाता था। कोठारी मार्केट को पहले राम प्याऊ के नाम से जाना जाता था। लेकिन बोतल बंद पेयजल के बढ़ते चलन ने गरीबों से उनकी प्यास बुझाने वाले प्याऊ छीन ली है। परिषद के जल सेवा प्रकल्प के माध्यम से उसी खोई हुई संस्कृति को पुनर्जीवित कर शहर को लौटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि बीते वर्षों में परिषद द्वारा कई प्याऊ बनवाई गई है जिनका संचालन और रखरखाव भी नियमित रूप से हो रहा है।
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