इंदौर। हरदा (Harda) की पटाखा फैक्ट्री (firecracker factory) में जो कुछ समय पूर्व जो भीषण विस्फोट (explosion) हुआ था, उसके बाद इंदौर सहित प्रदेशभर में बड़ा जांच अभियान (investigative campaign) चला और इंदौर में ही कई पटाखा (cracker) दुकानों, फैक्ट्रियों को सील (sealed) भी किया और कुछ के लाइसेंस (License) निरस्त किए गए तो कुछ की मंजूरी के लिए फाइलें भोपाल (Bhopal) भी भेजीं। अभी इंदौर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में भी विस्फोट हुआ, जिसमें झुलसे एक व्यक्ति की मौत हो गई। उसके बाद फिर जांच कराई गई तो दो पूर्व में सील की गई दुकानें खुली मिलीं, जिसके चलते प्रशासन ने एफआईआर (FIR) भी दर्ज करवा दी। दूसरी तरफ होटल, रेस्टोरेंट और ऊंची बिल्डिंगों में फायर फाइटिंग सिस्टम की जांच चल रही है, जिसमें कुछ प्रतिष्ठानों को सील किया गया। उनमें से एक बिल्डिंग को खोलने की इजाजत दी गई।
अब रेस्टोरेंट, बार सहित बिल्डिंगों के कर्ताधर्ता ये लिखित में भरोसा दिला रहे हैं कि वे तय समय सीमा में फायर सिस्टम अपडेट कर लेंगे। लिहाजा उनके प्रतिष्ठान खोले जाएं, क्योंकि इससे व्यापार-व्यवसाय का भी नुकसान हो रहा है। दूसरी तरफ हरदा ब्लास्ट के बाद इंदौर के दो दर्जन पटाखा गोदाम, फैक्ट्रियों को भी सील किया गया था। अभी आम्बाचंदन में जो अवैध फैक्ट्री में विस्फोट हुआ उसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने जहां इसकी मजिस्ट्रियल जांच शुरू करवाई, वहीं नए सिरे से गोदामों-दुकानों की जांच के अलावा जो पूर्व में सील की गई थी फैक्ट्रियां, उनको भी चेक करवाया। बिचौली हब्सी एसडीएम कल्याणी पांडे ने बताया कि कल सील की गई इन पटाखा दुकानों की जब फिर से जांच की गई तो पता चला कि घनश्यामदास पिता नानकराम और जयप्रकाश पिता सुरेश सुख्यानी की पटाखा दुकानों पर प्रशासन द्वारा लगाई गई सील बगैर सक्षम आदेश के खोल दी गई है, जो कि विस्फोटक अधिनियम के विरुद्ध और शासकीय कार्य में बाधा के रूप में माना गया। लिहाजा उक्त दोनों पटाखा कारोबारियों के खिलाफ कल ही थाना तेजाजी नगर में एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई। दूसरी तरफ पिछले दिनों प्रशासन ने प्रभु फायर वक्र्स, जयप्रकाश क्लासिक, सांईबाबा एजेंसी व अन्य के लाइसेंस निरस्ती के प्रस्ताव भी भोपाल भिजवाए थे, मगर इनकी अनुमति अभी नहीं मिली है। प्रशासन ने भी अपने स्तर पर कुछ फैक्ट्रियों के लाइसेंस निरस्त किए थे। इंदौर में लगभग 150 से अधिक पटाखा गोदाम, दुकान, फैक्ट्रियों की जांच के बाद 16 गोदाम और 8 फैक्ट्रियों को सील किया था। अब उनकी नए सिरे से आम्बाचंदन कांड के बाद जांच कराई गई।
दूसरी तरफ फायर फाइटिंग सिस्टम की जांच भी कराई जा रही है। पिछले दिनों मचान रेस्टोरेंट में लगी भीषण आग के बाद रूफटॉप यानी छतों पर चल रहे रेस्टोरेंट-बार की जांच में कुछ को सील भी कलेक्टर ने करवाया, वहीं एक होटल सहित व्यवसायिक बिल्डिंग पर भी कार्रवाई की गई। अब यहां काम करने वाले व्यवसायियों का कहना है कि उनका नुकसान हो रहा है और तय समय सीमा में वे फायर फाइटिंग से जुड़े कार्य करवा लेंगे। पिछले दिनों तीन संस्थाओं ने भी इन निर्देशों का पालन कर लिया था।
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