मुंबई (Mumbai)। भारत के पहले सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम (surgical robotic system) एसएसआई मंत्रा के निर्माता एसएस इनोवेशन्स (SS Innovations) दुनिया भर के मरीज़ों के लिए रोबोटिक सर्जरी (robotic surgery) को किफ़ायती एवं सुलभ बनाने के लिए प्रयासरत हैं। कंपनी ने आज बताया कि एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम की मदद से 1000 रोबोटिक सर्जरियों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा चुका है, जो एक और उल्लेखनीय उपलब्धि है।
पहले एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम को जुलाई 2022 में नई दिल्ली के रोहिणी स्थित राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट में इंस्टॉल किया गया था। 2 सालों की छोटी सी अवधि में एसएसआई मंत्रा को देश भर भर में और दुबई में 30 से अधिक अस्पतालों में इंस्टॉल किया जा चुका है। इसे विश्वविख्यात जॉन्स हॉपकिन्स युनिवर्सिटी, बाल्टीमोर, यूएसए में भी अध्यापन और प्रशिक्षण के लिए इंस्टॉल किया गया है।
एसएस इनोवेशन्स के संस्थापक एवं चेयरमैन और सीईओ डॉ सुधीर श्रीवास्तव, जिन्हें रोबो डॉक्टर भी कहा जाता है, के अनुसार, ‘‘यह देखकर अच्छा लगा है कि मामूली सी शुरूआत के बाद हमारी टीम के समप्रण औरप्रयासों तथा देश एवं दुनिया भर के सर्जनों के सहयोग से हमारे आधुनिक एसएसआईमंत्रा सिस्टम ने 1000 सफल सर्जरियों की उपलब्धि हासिल कर ली है। मैं सभी के प्रति आभारी हूं, जिन्होंने सभी के लिए गोल्ड स्टैण्डर्ड की किफ़ायती स्वास्थ्य सुविधाओं को देश भर के मरीज़ों के लिए सुलभ एवं किफ़ायती बनाने के हमारे दृष्टिकोण में योगदान दिया है। ये सुविधाएं आज उन लोगों के लिए सुलभ हो रही हैं जो आधुनिक देखभाल से वंचित थे। 30 से अधिक इंस्टॉलेशन्स और 1000 सफल सर्जरियों के साथ हमने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर ली है। मेरा मानना है कि एसएसआई मंत्रा में अगले कुछ सालों के दौरान भारत एवं दुनिया का सबसे ज़्यादा काम में आने वाला सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम बनने की क्षमता है।’
एसएसआई मंत्रा के बारे मेंः एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम, आधुनिक तकनीकी फीचर्स से लैस एक मॉड्युलर मल्टी-आर्म सिस्टम है। इसमें 3-5 रोबोटिक आर्म्स का उपयोग किया जाता है, साथ ही इसमें ओपन-फेस अर्गोनोमिक सर्जन कमांड सेंटर, 32 इंच का बड़ा 3डी एचडी मॉनिटर, 23 इंच का 2 डी टच पैनल होता है, जिस पर मरीज़ से जुड़ी सभी जानकारी डिस्प्ले होती है। साथ ही एक वर्चुअल रियल टाईम इमेज और होलोग्राफिक डाईकोम इमेज के सुपर इम्पोज़िशन की क्षमता भी होती है। विज़न कार्ट टीम को 3 डी एचडी व्यू देता है, जिससे सर्जन सर्जरी के दौरान बेहतर सुरक्षा और दक्षता को सुनिश्चित कर सकता है। मॉड्युलर रोबोटिक आर्म के द्वारा आवश्यकतानुसार आर्म्स का उपयोग किया जा सकता है। इससे सर्जिकल ऑपरेशन्स में किसी तरह के टकराव की संभावना नहीं रहती। इसमें 30 विभिन्न प्रकार के रोबोटिक एंडो सर्जिकल उपकरण होते हैं, जिनका उपयोग कार्डियक सर्जरी सहित विभिन्न प्रकार की सर्जरियों में किया जा सकता है। इसके बेहतरीन डिज़ाइन एवं अनुकूल फीचर्स के चलते लर्निंग कर्व छोटा होता है।
डॉ सुधीर पी श्रीवास्तव के बारे में
एसएसआई मंत्रा डॉ श्रीवास्तव के दिमाग की उपज है जो विश्वविख्यात रोबोटिक कार्डियक सर्जन हैं। वे सुधीर श्रीवास्तव इनोवेशन्स प्रा लिमिटेड के संस्थापक, चेयरमैन और सीईओ हैं। उन्होंने 21 साल की उम्र में राजस्थान के जेएलएन मेडिकल कॉलेज से मेडिकल डिग्री ली थी, इसके बाद वे पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए यूएस चले गए। बाद में उन्होंने युनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलम्बिया हॉस्पिटल्स, वैंकवर, कनाडा से जनरल एण्ड कार्डियोथोरेसिक सर्जरी में रेज़ीडेन्सी पूरी की।
2003 में, 10 अन्य फिज़िशियन्स के साथ मिलकर, संस्थापक चेयरमैन के रूप में उन्होंने यूएसए के पश्चिमी टेक्सास में कार्डियोवैस्कुलर रोगों के लिए एक सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की। जहां उन्होंने दुनिया का पहला सिंगल वैसल ‘टोटली एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बायपास’ भी किया। वे अपने करियर में 1400 से अधिक रोबोटिक कार्डियोथोरेसिक सर्जरियां कर चुके हैं जिसमें 750 बीटिंग हार्ट टैकेब मामले भी शामिल हैं। इस दृष्टि से उनके पास दुनिया का सबसे अधिक अनुभव है।
अपने उत्साह और जोश के साथ उन्होंने मिनिमल इनवेसिव सर्जरी को बढ़ावा दिया और दुनिया भर में 350 से अधिक सर्जिकल टीमों को रोबोटिक कोरोनरी बायपास में प्रशिक्षण दिया है। इसी जोश के साथ उन्होनें एसएसआई मंत्रा की स्थापना की। उनके अनुसार इसका 3डी विज़न 10 गुना मैग्नीफिकेशन, और गहराई तक सटीक व्यू देता है। मशीन सर्जरी की जटिलताओं को कई गुना कम कर देती है। इसमें छोटा चीरा लगाया जाता है और मरीज़ जल्दी ठीक होता है। मांसपेशियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता, खून का नुकसान कम होता है। वे 2011 में अपनी मातृभुमि की सेवा के लिए अपने परिवार के साथ भारत लौटे थे।
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