2014 607 47 36 77
2019 626 56 47 84
कुल 2367 163 129 79
मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) । बिहार (Bihar) में आधी आबादी को स्थानीय निकायों के चुनाव (Election) में आरक्षण मिला हुआ है। बड़ी संख्या में वे चुन कर पंचायतों से लेकर शहरी निकायों की प्रमुख बन रहीं हैं। लेकिन लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) में उनकी स्थिति बेहतर नहीं है। पिछले चार चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में लोकसभा चुनावों में 79 फीसदी महिला उम्मीदवार (female candidate) जमानत भी नहीं बचा सकीं। 2004 से 2019 तक के चुनावों में बिहार में कुल 2367 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया। इनमें 163 महिलाएं थीं।
129 महिलाओं सहित कुल 2016 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। हालांकि आधी आबादी का प्रतिशत चुनाव दर चुनाव बढ़ता जा रहा है। एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक प्रो. डीएम दिवाकर कहते हैं कि बिहार की राजनीति में महिलाएं बड़े फलक पर अभी भी एक स्वतंत्र फैक्टर नहीं बन पाई हैं। इसलिए उनको वोटरों का व्यापक समर्थन नहीं मिल पा रहा है।
साल कुल प्रत्याशी महिला प्रत्याशी जमानत जब्त प्रतिशत
2004 462 14 09 64
2009 672 46 37 81
2014 607 47 36 77
2019 626 56 47 84
कुल 2367 163 129 79
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