रीवा: रीवा बोरवेल हादसे (Rewa borewell accident) में मासूम की मौत (death of innocent) के बाद दो अधिकारियों पर गाज गिरी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav)ने दोनों अधिकारियों को सस्पेंड (Suspend) कर दिया. उन्होंने पीड़ित परिवार (victim’s family) वालों को रेडक्रॉस की ओर से चार लाख की आर्थिक मदद दिए जाने का भी ऐलान किया. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मामले में जनपद पंचायत त्योंथर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और पीएचई के एसडीओ की लापरवाही दिखाई दे रही है. लापरवाही के आरोप में दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.
रीवा बोरवेल हादसे के बाद एक्शन में सरकार
मुख्यमंत्री ने हादसे से बचने के लिए बोरवेल को ढक कर रखने की अपील की. बता दें कि शुक्रवार शाम छह वर्षीय मयंक मनिका गांव के बोरवेल में गिर गया था. 160 फीट गहरे बोरवेल से मयंक को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला. प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बावजूद मयंक को बचाया नहीं जा सका.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रीवा बोरवेल हादसे के बाद कड़ा कानून बनाने का संकेत भी दिया है. लोकसभा चुनाव के बाद मोहन यादव की सरकार खुले बोरवेल को लेकर अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दे सकती है. हालांकि बोरवेल हादसे के बाद पूर्व की सरकार कड़े बयान दे चुकी है. मगर एक के बाद एक लगातार घटनाएं सामने आती रही हैं.
सरकारी मदद ऊंट के मुंह में है जीरा- कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुकेश नायक ने बताया कि बोरवेल में गिरकर पहले भी बच्चे जान गंवा चुके हैं. सरकार ने धारा 188 के तहत आदेश भी निकाला था. आदेश का पालन अभी तक नहीं कराया जा सका है. उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद पर भी सवाल उठाये. मुकेश नायक ने कहा कि सरकार की ओर से दी जा रही मदद ऊंट के मुंह में जीरा है. पीड़ित परिवार वालों को उचित आर्थिक मदद के साथ-साथ एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जानी चाहिए.
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