img-fluid

‘पहचान देने वालों के साथ किया विश्वासघात’, हिमंत बिस्वा सरमा पर जयराम रमेश ने साधा निशाना

April 13, 2024

नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा उस कांग्रेस के बिना ‘‘कहीं नहीं होते’’, जिसने उन्हें राज्य में अपने शासन के दौरान ‘‘पहचान और पद’’ दिया. कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि कांग्रेस के सत्ता गंवाने के बाद सीएम सरमा पार्टी छोड़ने वाले और ‘‘भारतीय जनता पार्टी की ‘वाशिंग मशीन’ से साफ होकर निकलने’’ वाले पहले नेताओं में से एक थे.

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के कार्यकाल के दौरान उन्हें अधिकार और जिम्मेदारी देने के साथ पहचान और पद दिया, लेकिन पार्टी के सत्ता में न रहने पर उन्होंने उसके साथ विश्वासघात किया. यह बहुत दु:ख की बात है कि जिन लोगों को जिम्मेदार पद दिया गया, वे अवसरवादी निकले लेकिन इससे हमारा आत्म-विश्वास नहीं टूटा है.’’

‘सीएम सरमा को कड़ी भाषा में जवाब दिया’
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने वाले ‘‘अवसरवादी’’ असल में पार्टी के पक्ष में काम करते हैं, जिससे वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध युवाओं के लिए रास्ता बनता है. कांग्रेस नेताओं के बड़ी संख्या में पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के हिमंत बिस्वा सरमा के दावे को ‘‘मनोवैज्ञानिक खेल’’ करार देते हुए जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख भूपेन कुमार बोरा ने उन्हें ‘‘कड़ी भाषा में जवाब’’ दिया है. दरअसल, असम के सीएम ने दावा किया था कि कांग्रेस नेता भूपेंद्र कुमार बोरा जल्द ही बीजेपी में शामिल होंगे. इसके बाद बोरा ने सरमा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है.

‘कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सभी लौट आएंगे’
रमेश ने दावा किया कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में वापसी करती है तो ‘‘सभी क्षेत्रीय दल और तथाकथित क्षेत्रीय क्षत्रप हमारे पाले में लौट आएंगे.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि चाहे असम हो, नगालैंड या मणिपुर, उल्टा विस्थापन (रिवर्स माइग्रेशन) होगा. दिल्ली में कांग्रेस नीत ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार के सत्ता में आने के बाद ये सभी लौट आएंगे.’’


‘असम में कांग्रेस ने उतारे अनुभवी उम्मीदवार’
असम में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बारे में रमेश ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के स्पष्ट संदर्भ में एक बहुत ही ‘‘बुनियादी मुद्दा’’ उठाया था कि ‘‘देशभर में जीएसटी है, जबकि असम में इसके अतिरिक्त ‘एचएसटी’ है जो कि एक सेवा कर है.’’ उन्होंने कहा कि यात्रा को असम में आठ दिन के दौरान काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली.

जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने इस चुनाव में असम में अनुभवी उम्मीदवारों के साथ ही युवा और ऊर्जावान प्रत्याशियों को खड़ा किया है. उन्होंने कहा, ‘‘नगांव के मौजूदा सांसद प्रद्योत बोरदोलोई बहुत ही अनुभवी सांसद हैं. जोरहाट के उम्मीदवार गौरव गोगोई लोकसभा में कांग्रेस की आवाज हैं. वो विदेशी और रक्षा नीतियों पर बोलते हैं. बल्कि उन्होंने मणिपुर पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर 2023 में लाए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की थी.’’

मणिपुर के मुद्दे पर क्या बोले जयराम रमेश
कांग्रेस राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘‘यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि मणिपुर में पिछले 11 महीनों से जो भी हो रहा है वह महज इस बात का ट्रेलर है कि अगर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को क्षेत्र में आगे बढ़ने दिया तो पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में क्या होगा.’’

उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने अनुच्छेद 370 को पहले ही निरस्त कर दिया है और अब नगालैंड, असम, मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के लिए क्रमश: अनुच्छेद 371 ए, बी, सी, एफ, जी और एच के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष प्रावधान भी खतरे में हैं.’’

रमेश ने कहा, ‘‘हमारी बड़ी विविधता वाली भूमि है और हमें इसकी रक्षा करनी होगी. कांग्रेस एकता पर जोर देती है, जबकि बीजेपी एकरूपता चाहती है. यह उन लोगों के बीच लड़ाई है जो विविधता का सम्मान करते हुए एकता को मजबूत करना चाहते हैं और जो कृत्रिम एकरूपता थोपना चाहते हैं.’’

‘आर्थिक मुद्दों पर लड़ा जाएगा चुनाव’
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव आर्थिक मुद्दों पर लड़ा जाएगा, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि प्रधानमंत्री ने महंगाई, आय में असमानता, आजीविका के मुद्दों और स्थानीय संस्कृति की रक्षा के लिए क्या किया है. कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘बीजेपी नेताओं को चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने और कांग्रेस पर दबाव डालने के लिए मनोवैज्ञानिक खेल खेलने में महारत हासिल है. उन्होंने हमारे खाते जब्त कर लिये और हमारे समर्थकों द्वारा दान दिए 300 करोड़ रुपये छीन लिये.’’

जयराम रमेश ने दावा किया, ‘‘बीजेपी को चुनावी बॉण्ड से 8,200 करोड़ रुपये मिले जो वैध भ्रष्टाचार है. इसमें कोई शक नहीं है कि चुनाव लड़ने के समान अवसर नहीं दिए जा रहे हैं, लेकिन हम अपने गारंटी कार्ड और अपनी प्रतिबद्धताओं के बल पर कामयाब होंगे. लोग जानते हैं कि हम इन गारंटी को पूरा करेंगे.’’

Share:

मध्य प्रदेश के 192 माननीयों के खिलाफ लंबित हैं केस, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Sat Apr 13 , 2024
इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाई कोर्ट (High Court) ने सूबे के वर्तमान व पूर्व सांसदों और विधायकों (MP and MLA) के खिलाफ दर्ज लंबित प्रकरणों (Pending Cases) की त्वरित सुनवाई (Speedy Hearing) पर सरकार (Goverment) से जवाब मांगा है. इन मामलों में सुनवाई त्वरित गति से किए जाने संबंध में सरकार को जवाब के […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
बुधवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved