नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी वाली याचिका पर 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता मामले की सुनवाई करेंगे. दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया था. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. केजरीवाल ने ED की गिरफ्तारी के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को अवैध बताया है. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को केजरीवाल को राहत नहीं दी थी.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध नहीं है. ED के पास उन्हें जांच में शामिल करने के लिए एक मात्र यही साधन था. उन्होंने 6 महीने से ज्यादा समय तक बार-बार समन जारी कर पेश होने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने इसका पालन नहीं किया. यही उनकी गिरफ्तारी का सबसे बड़ा कारण था.
कानून सबके लिए एक…केजरीवाल की गिरफ्तारी सही- HC
हाईकोर्ट ने कहा था कि आम आदमी या किसी मुख्यमंत्री के लिए अलग-अलग कानून नहीं है. कानून सबके लिए एक है. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि गिरफ्तारी अवैध थी या नहीं, गिरफ्तारी के मुद्दे पर फैसला राजनीतिक बयानबाजी से नहीं, बल्कि कानून के दायरे में रहकर, कानून के इस्तेमाल से किया जाना चाहिए.
21 मार्च को हुई थी केजरीवाल की गिरफ्तारी
बता दें कि शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 1 अप्रैल को उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. वह इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट के फैसले से केजरीवाल संतुष्ट नहीं थे. इस फैसले को उन्होंने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.
वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा. ऐसे में देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को राहत मिलती या है नहीं.
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