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    भोजन-भंडारे, सामूहिक भोज का खर्चा भी जुड़ेगा उम्मीदवारों के खाते में

  • April 12, 2024

    इंदौर। अभी भोजन-भंडारे भी खूब आयोजित हो रहे हैं और रामनवमी सहित अन्य पर्वों पर भी इस तरह के आयोजन शहरभर में बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाते हैं तो सामूहिक भोज, लंगर से लेकर अन्य समारोह के दौरान भी खाने की व्यवस्था रहती है, जिसमें चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को भी बुलाया जाता है। आयोग के निर्देश के मुताबिक उम्मीदवार अगर किसी भंडारे, लंगर या सामूहिक भोज में शामिल होता है तो उस पूरे आयोजन पर किया गया खर्चा उसके निर्वाचन व्यय के रूप में माना जाएगा और उसके चुनावी खर्च खाते में उसे जोड़ देंगे।


    इस बार चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा हालांकि 95 लाख रुपए तक दी है, जो पर्याप्त तो है ही, मगर बावजूद इसके अधिकांश उम्मीदवारों द्वारा इससे आधी राशि भी चुनावी खर्च के रूप में नहीं दर्शाई जाती है। दूसरी तरफ करोड़ों रुपए आयोग की आंखों में धूल झोंकते हुए खर्च किए जाते हैं। उम्मीदवारों के चुनावी खर्च का मीटर नामांकन फार्म भरने के साथ शुरू हो जाता है, जिसके लिए अलग से बैंक खाता भी उम्मीदवारों को खुलवाना पड़ेगा। आयोग के निर्देश पर पिछले दिनों जिला निर्वाचन कार्यालय ने अलग-अलग मदों में खर्च होने वाली राशि भी तय कर दी है, जिसके मुताबिक चुनावी खर्च खातों में जोड़ा जाता है। अब इसी कड़ी में भोजन-भंडारे, लंगर, सामूहिक दावत को भी शामिल कर लिया गया है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक यदि चुनाव लडऩे वाला अभ्यर्थी मतदाताओं से मिलने के लिए किसी सामुदायिक भोज या लंगर में शामिल होता है तो ऐसे सामाजिक समारोह पर किया गया व्यय अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय के रूप में माना जाएगा और इसे उसके निर्वाचन व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। आयोग ने कहा है कि निर्वाचकों से मिलने के लिए आयोजित किए गए ऐसे सामुदायिक भोज के कार्यक्रम भले ही किसी नाम से बुलाए गए हों अथवा खुद अभ्यर्थी या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ही क्यों न आयोजित किए गए हों, यदि अभ्यर्थी उसमें भाग लेता है तो इस पर होने वाले खर्च को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह निर्देश धार्मिक समुदायों द्वारा अपने संस्थानों के अंदर प्रथागत तौर पर आयोजित लंगर, भोज या कोई समारोह जैसे शादी, मृत्यु आदि के सामान्य भोज पर लागू नहीं होगा, जबकि यह अभ्यर्थी को छोडक़र किसी व्यक्ति द्वारा आयोजित किया गया हो। ऐसे सामुदायिक भोज, लंगर, दावत आदि पर किए गए व्यय को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल नहीं किया जाएगा।

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