ओटावा (Ottawa)। कनाडा की खुफिया एजेंसी (Canadian Intelligence agency) के खुलासे के एक दिन बाद डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशंस (Democratic Institutions) की पूर्व मंत्री करीना गोल्ड (former Minister Karina Gold) ने खुलासा किया कि कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (Canadian Security Intelligence Service) (सीएसआईएस) ने उन्हें 2019 के संघीय चुनावों के बाद चीन के हस्तक्षेप की जानकारी दी थी। चीन के हस्तक्षेप के बाद भी चुनाव की अखंडता बरकरार रही। गौरतलब है कि, गोल्ड 2017 की शुरुआत से नवंबर 2019 तक मंत्री पद पर पदस्थ थीं।
मामले में गवाही देते हुए गोल्ड ने कहा कि शायद कनाडा में अब तक जितने चुनाव हुए उन हर चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप हुआ है। जैसे दुनिया भर के लोकतांत्रिक देशों में यह प्रयास होते हैं। हस्तक्षेप करके वे सफल हुए हैं या नहीं यह एक अलग सवाल है। जल्द ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी गवाही देंगे, जो जांच का एक अहम हिस्सा है।
सीएसआईएस ने विदेशी हस्तक्षेप को लेकर तैयार किया दस्तावेज
बता दें, कनाडा के खुफिया विभाग सीएसआईएस ने चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर एक दस्तावेज तैयार किया है। इसमें उसने दावा किया है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) ने 2019 और 2021 के आम चुनावों में हस्तक्षेप किया है। सीएसआईएस ने इस बाबत प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भी जानकारी दी है। कनाडाई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दावा किया गया है कि 2021 चुनावों की निगरानी कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों को भी हस्तक्षेप की जानकारी नहीं लग पाई थी। चीन पर हस्तक्षेप के लगे कथित आरोपों के कारण विपक्षी सांसद नाराज हैं। वे मामले में जांच की मांग कर रहे हैं। इसी दबाव में प्रधानमंत्री ट्रूडो ने विदेशी हस्तक्षेप की जांच के लिए एक आयोग की स्थापना की है। कनाडाई अधिकारी चीन को ऐसी गतिविधियों का खिलाड़ी मानते हैं। हालांकि, चीनी दूतावास ने सीएसआईएस के बयान का फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया है। गौरतलब है कि कनाडा ने हाल ही में भारत पर भी आरोप लगाए थे कि हिंदुस्तान ने भी पिछले दो चुनावों में हस्तक्षेप किया है। हालांकि भारत ने उसके इन आरोपों को खारिज किया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved