नई दिल्ली: अमेरिका के कैलिफोर्निया इलाके (California region of America) में बहुत तगड़ा भूकंप आने वाला है. यहां पर मौजूद सैन एंड्रियास फॉल्ट (San Andreas Fault) के एक हिस्से में लगातार भूकंपीय गतिविधियां देखी जा रही है. जमीन के नीचे हलचल हो रही है. हालांकि यह हलचल फॉल्ट के एक हिस्से यानी पार्कफील्ड सेक्शन (Parkfield Section) में हो रही है. लेकिन वैज्ञानिकों को डर है कि इसकी वजह से बड़ा भूकंप आ सकता है.
वैज्ञानिकों ने बताया जमीन के नीचे फॉल्ट टूट और जुड़ रही है. जिसकी वजह से लगातार भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की जा रही हैं. पार्कफील्ड सेक्शन मध्य कैलिफोर्निया में हैं. यह हर 22 साल में कांपने लगता है. पिछली बार 2004 में यहां पर तेज भूकंप आया था. फिलहाल पूरे फॉल्ट में हलचल नहीं है. लेकिन साइंटिस्ट सतर्क हैं.
वैज्ञानिकों ने इसकी स्टडी हाल ही में फ्रंटियर्स इन अर्थ साइंस में प्रकाशित की है. जिसमें बताया गया है कि अमेरिका में कभी भी भूकंप आ सकता है लेकिन इसका केंद्र 2004 में आए भूकंप के केंद्र से अलग हो सकता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स एंड वॉल्कैनोलॉजी के डायरेक्टर लूका मालानिनी ने बताया कि यह पता करना वैज्ञानिकों के लिए अब भी मुश्किल है कि भूकंप कब आएगा. हम सिर्फ इंतजार कर सकते हैं. सैन एंड्रियास फॉल्ट पैसिफिक और नॉर्थ अमेरिकन टेक्टोनिक प्लेट के बीच है. पार्कफील्ड के दक्षिण में फॉल्ट बंद है. यानी यहां पर दोनों प्लेट में कोई मूवमेंट नहीं होती. लेकिन उत्तर की दिशा में सैन एंड्रियास फॉल्ट में हलचल होती रहती है. यह हर साल करीब डेढ़ इंच हिलती है. पार्कफील्ड दोनों प्लेट के बीच का हिस्सा है.
जब भी सैन एंड्रियास में ज्यादा हलचल होती है, तब यहां पर 6 या उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है. इसकी वजह से काफी ज्यादा जानमाल का नुकसान होता है. लूका मालानिनी ने बताया कि फिलहाल वैज्ञानिक यह स्टडी करने में लगे हैं कि ज्यादा से ज्यादा सटीक जानकारी जमा की जाए. ताकि भूकंप आने के सही समय का पता लगा सकें. लोगों को भूकंप के आने की संभावित तारीख वगैरह बता सकें.
पार्कफील्ड सेक्शन में 2004 में आए भूकंप से छह हफ्ते पहले हलचल शुरू हो गई थी. इसलिए लूका की टीम यह अनुमान लगा रही है कि इस बार भी ऐसा होने की आशंका है. फिलहाल कम तीव्रता के भूकंपीय झटके यहां महसूस हो रहे हैं. अगर इनकी तीव्रता बढ़ती है तो लूका की टीम यह अंदाजा लगा पाएगी कि भूकंप कब तक आ सकता है.
लूका और उनकी टीम यह पता करने की कोशिश कर रही है कि क्या पार्कफील्ड सेक्शन और उसके आसपास कोई नई दरार तो नहीं बन रही है. अगर दरार की लंबाई डेढ़ किलोमीटर लंबी और कई सौ फीट गहरी हुई तो भूकंप आने का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि औसतन हर 22 साल में यहां पर इस तरह की तेज भूकंपीय गतिविधिया होती हैं.
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