इंदौर। पिछले दिनों एमओजी लाइन में पूर्व सैनिक परिवारों के मकान ढहाने के मामले को लेकर रहवासी और नगर निगम के अफसरों के साथ प्रशासन के अधिकारी भी निशाने पर आ गए थे। इस मामले में कल वहां के कुछ रहवासियों और पूर्व सैनिकों के परिजनों के साथ स्मार्ट सिटी अफसरों की चर्चा हुई, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैट दिए जाने पर सहमति नहीं बन पाई। परिजनों का कहना था कि उन्हें वहीं बनाई जा रही मल्टियों में फ्लैट दिए जाएं।
एमओजी लाइन में चार मकानों को तोडऩे की कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम और रिमूवल का अमला पहुंचा था। एक मकान को तोडऩे के बाद हंगामा शुरू हो गया था और भारी भीड़ जमा हो गई थी। महिलाओं ने बुलडोजर के सामने लेटकर विरोध दर्ज कराया था। सौ से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिन्हें हटाया जाना है और इनमें कई पूर्व सैनिक परिवारों का भी निवास है। कल वहां के रहवासी और पूर्व सैनिक परिवारों के लोग स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अपर आयुक्त दिव्यांक सिंह से मिलने पहुंचे थे। रहवासियों के साथ परिजनों ने अपनी पीड़ा बताई और कहा कि अगर उन्हें वहां से हटाया तो बेघर हो जाएंगे। इस पर अफसरों ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाई गई मल्टियों में फ्लैट देने की बात कही तो उन्होंने फ्लैट लेने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था कि एमओजी लाइन में ही उनकी बसाहट हो और स्मार्ट सिटी अगर वहां इमारतें बना रही है तो उसमें ही उन्हें फ्लैट दे दिए जाएं। इस पर आला अधिकारियों से चर्चा की बात कही गई।
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