नई दिल्ली: राजस्थान की बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट (Banswara-Dungarpur Lok Sabha seat of Rajasthan) पर कांग्रेस में उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस ने प्रत्याशी अरविंद डामोर (Arvind Damor) को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है. इस सीट पर कांग्रेस और बीएपी के बीच गठबंधन (Alliance between Congress and BAP) होना था. उधर, डामोर को पार्टी ने प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था. कांग्रेस ने अरविंद को पार्टी से निकालने से पहले नामांकन वापस लेने का निर्देश दिया था. मगर, वो सामने नहीं आ रहे थे. इसके बाद कांग्रेस ने ये कदम उठाया है. बता दें कि यहां से भारतीय आदिवासी पार्टी से राजकुमार रौत प्रत्याशी हैं. उधर, भाजपा ने यहां से महेंद्रजीत मालवीय को चुनाव मैदान में उतारा है.
बीते सप्ताह कांग्रेस ने पूर्व सांसद संजय निरुपम को पार्टी से निकाल दिया था. उन्होंने महा विकास अघाड़ी की सहयोगी पार्टी शिवसेना को लेकर बयान दिया था. निरुपम के खिलाफ कार्रवाई की मांग तब बढ़ गई, जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सीट-बंटवारे की बातचीत के दौरान मुंबई की सीटें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को देने के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की.
इसके साथ ही कांग्रेस को गौरव वल्लभ के रूप में एक और बड़ा झटका लगा था. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस्तीफा सौंपा था. गौरव ने कहा था, मैं सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता. इसके बाद गौरव वल्लभ ने बीजेपी का दामन थाम लिया. साथ ही उन्होंने इस्तीफा देते वक्त सुबह सोशल मीडिया पर एक पत्र डाला था, जिस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पत्र में मैंने अपने सारे मुद्दे, मन की बात रख दी.
राम मंदिर पर बोलते हुए गौरव ने कहा था कि राम मंदिर उद्घाटन में कांग्रेस ना जाए ये मैं स्वीकार नहीं कर सकता. इससे पहले भी वल्लभ ने कहा था कि सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता. वल्लभ ने कहा कि मैंने एक पत्र भी सोशल मीडिया पर डाला और अपनी सारी व्यथा लिखी. मेरा दृष्टिकोण हमेशा से रहा है कि राम मंदिर बने और इसका न्योता भी मिले और हम जाए. मुझे लगता है कि कांग्रेस की नीति गलत है.
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