नई दिल्ली (New Delhi)। आज तमाम गाड़ियों में लोग फास्टैग (FasTag) का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में फास्टैग (FasTag) को लेकर स्कैम में काफी इजाफा हो रहा है। वैसे भी भारत (India) में जिस चीज का अधिक इस्तेमाल होने लगता है या चर्चा होने लगती है उसके नाम पर स्कैम होने लगता है। पिछले कुछ दिनों से FasTag स्कैम काफी तेजी से हो रही है। कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के नालासोपारा (Nalasopara of Maharashtra) में FasTag के लिए गूगल सर्च करना एक शख्स को महंगा पड़ा और उसके खाते से 2.4 लाख रुपये निकल गए। आइए जानते हैं इस तरह के स्कैम के बारे में…
रिचार्ज करने के लिए गूगल की मदद लेना पड़ सकता है महंगा
यदि आपको भी FasTag अकाउंट को रिचार्ज करने में कोई परेशानी हो रही है तो समाधान के लिए गूगल की मदद ना लें और लें तो बहुत ही सावधानी से, क्योंकि एक शख्स ने गूगल पर FasTag के कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया। शख्स को एक नंबर मिला जिसपर उन्होंने कॉल किया तो फोन पर बात करने वाले शख्स ने खुद को FasTag का कस्टमर एग्जिक्यूटिव बताया और मदद करने का वादा किया।
रिमोटली एप से खाता खाली
कस्टमर केयर की बात पर भरोसा करके शख्स ने अपने फोन में रिमोट कंट्रोल वाला एक एप डाउनलोड किया। इसके बाद इस एप की मदद से कस्टमर केयर बनकर बात कर रहे ठग ने शख्स के खाते से छह ट्रांजेक्शन में 2.4 लाख रुपये निकाल लिए। इसके बाद उसने फोन काट दिया और फोन बंद कर दिया।
क्या ना करें?
कस्टमर केयर के लिए नंबर के लिए सीधे संबंधित कंपनी की साइट पर जाएं।
गूगल पर सर्च करके कस्टमर केयर का नंबर ना निकालें।
किसी के कहने पर अपने फोन में कोई भी एप इंस्टॉल ना करें।
बैंक डीटेल की जानकारी किसी के साथ साझा ना करे।
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